कोरोना से जंग में ईएनटी और रेसिडेंट डॉक्टर भी होंगे शामिल, स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश


नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में वे ईएनटी विशेषज्ञों और रेसिडेंट डॉक्टरों की मदद लें क्योंकि कोविड-19 की जांच के लिए नमूने एकत्रित करने की खातिर काबिल पेशेवरों की सख्त जरूरत है। मंत्रालय ने कहा है कि सभी राज्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे ईएनटी विशेषज्ञों और रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवाओं का उपयोग करके कोरोना वायरस के मामले में संदिग्ध के नमूनों को एकत्र करें। राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिवों से कहा गया है कि वे इस संबंध में चिकित्सा संस्थानों को आवश्यक निर्देश जारी करें।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस वैश्विक महामारी से लड़ाई में आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस के डॉक्टरों समेत 30,000 से अधिक डॉक्टरों ने सरकार को मदद की पेशकश की है। बता दें कि 25 मार्च को सरकार ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या निजी क्षेत्र के डॉक्टरों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देने की अपील की थी।


अबतक कोरोना के 8356 मामले सामने आए
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अबतक कोरोना के 8356 मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण के कारण देशभर में अबतक 273 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र अब भी शीर्ष पर बना हुआ है। यहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1761 हो गई है। इस सूची में दूसके स्थान पर दिल्ली है जहां अबतक संक्रमितों की संख्या 1069 हो गई है। मृतकों के मामले में भी महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। यहां अबतक कुल 127 मरीजों की मौत हो चुकी है।