लॉकडाउन में 27 दिनों के अंदर BRO ने बना दिया पुल, चीन के बॉर्डर तक पहुंचेगा सामान


कोरोन वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। इधर लॉकडाउन में ही बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने अरुणाचल प्रदेश में एक प्रमुख पुल का निर्माण कर दिया। इस पुलिस के जरिए चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात लगभग 3,000 सैनिकों को तत्काल आपूर्ति मिल सकेगी। इतना ही नहीं, यहां पर दो विवादित एरिया के लगभग 451 गांवों को भी आसानी से आपूर्ति हो सकेगी।
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में सुबनसिरी नदी के ऊपर दापोरिजो पुल बनाया है। यह 430 फीट लंबा बेली पुल है। बीआरओ यह पुल भारत-चीन सीमा पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) तक 40 टन वजन वाले वाहनों को पहुंचाने में खास मददगार होगा। सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने पुल का उद्घाटन किया और इसे तत्काल लोगों के लिए खोल दिया गया।
विवाद के चलते आसान नहीं था पुल बनाना


दापोरिजो के कारण पुल बनाना आसान नहीं था। यहां पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दो विवाविद एरिया आसफिला और माजा हैं।
2 महीने का दिया गया था समय, 27 दिन में काम पूरा


बीआरओ को पुल बनाने के लिए दो महीने का समय दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे एक महीने के अंदर खत्म कर लिया। एक अधिकारी ने बताया कि उन लोगों ने पुल बनाने के लिए 24 घंटे और सातों दिन काम किया। हम लोगों ने काम जारी रखने के दौरान कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी प्रिकॉशन अपनाए।
दापोरिजो से गुजर सकता था सिर्फ 9 टन भार


दापोरिजो एक पुराना पुल था जो 1992 में बना था। वह जर्जर हो गया था। इसके ऊपर से सिर्फ 9 टन का भार ही गुजर सकता था। यह पुल पूरे अरुणाचल प्रदेश को दो मुख्य मार्गों लीकाबली-बसर-बामे-दापोरिजो और ईटानगर-जीरो-रागा-दापोरिजो को जोड़ता था।
कई उपद्रवी नहीं चाहते थे बने पुल


यहां पर दो मुख्य पुल ही थे। दापोरिजो के अलावा एक और पुल है तामीन, लेकिन इसका मार्ग बहुत कठिन है। यह पहाड़ों से होकर गुजरता है। इसके अलावा इस पुल की क्षमता मात्र 3 टन की है। अधिकारियों ने बताया कि कई ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते थे कि सुबनसीरि जिले का विकास हो।
कॉलेज ऑफ मिलिटरी इंजिनियरिंग ने तैयार की डिजाइन


इस पुल की डिजाइन मानक अभ्यास से अलग है। इसकी डिजाइन को लेकर कॉलेज ऑफ मिलिटरी इंजिनियरिंग पुणे के प्रफेशनल्स से चर्चा की गई। पुल का काम 17 मार्च को शुरू किया गया और इसे 14 अप्रैल को पूरा कर दिया गया।
23 बीआरटीएफ ने किया काम


दापोरिजो पुल भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की दिशा में एक रणनीतिक कड़ी है। सभी आपूर्तियां, राशन, निर्माण संबंधी सामग्री और दवाएं इसी पुल से गुजरती हैं। पुल के निर्माण का कार्य 23 बीआरटीएफ ने किया।