लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर जाने की शर्तों के साथ छूट, यहां दूर करें हर कन्फ्यूजन



नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान फंसे लोगों को शर्तों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी है। इसकी व्यवस्था संबंधित राज्य करेंगे। इस तरह के कई सवाल हैं कि किन लोगों को जाने की इजाजत है और किनको नहीं, वे कैसे जाएंगे, क्या निजी साधनों से जाया जा सकता है, इस मूवमेंट की प्रकिया क्या होगी। आइए आपको आसान भाषा में बताते हैं ऐसे सभी सवालों के जवाब ताकि कोई कन्फ्यूजन न रहे। 
क्या खुद जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं?
मान लीजिए कोई शख्स लॉकडाउन में किसी दूसरे राज्य में फंसा है तो क्या वह खुद से जा सकता है? इसका जवाब है नहीं। आप खुद से नहीं जा सकते क्योंकि यह इजाजत व्यक्तियों को नहीं बल्कि राज्यों को है। फंसे हुए लोगों को भेजने या लाने की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों की है और इसके लिए उन्हें कुछ प्रोटोकॉल्स के पालन करने हैं।


किनको है इजाजत?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के मूवमेंट के लिए 15 अप्रैल को जारी अपनी गाइडलाइंस के क्लॉज 17 के सब क्लॉज 4 में बदलाव किया है। इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, टूरिस्ट, स्टूडेंट् और दूसरे लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। उनके मूवमेंट को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी गई है।


प्रक्रिया क्या होगी?
लोग जिन राज्यों में फंसे हुए हैं और वे मूल रूप से जिन राज्यों के हैं, उन दोनों ही राज्यों को इनके मूवमेंट के लिए एक दूसरे से चर्चा करनी होगी। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए नोडल अथॉरिटी बनाने को कहा है जो ऐसे फंसे हुए लोगों को भेजने या रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल बनाएंगे और उनका पालन सुनिश्चित करेंगे। लोगों को बसों के जरिए ही लाया/भेजा जाएगा। इन बसों को यात्रा से पहले सैनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा।


कैसे जा सकते हैं और क्या कोई भी जा सकता है?
सभी राज्यों के नोडल अधिकारी अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। यानी आप जिस राज्य में फंसे हैं वहां आपको नोडल अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही आपको जाने की इजाजत होगी। रजिस्ट्रेशन के वक्त देखा जाएगा कि आप छूट वाली श्रेणी के तहत आते हैं या नहीं। मान लीजिए कोई शख्स दूसरे राज्य में सरकारी नौकरी कर रहा है और अपने परिवार को घर भेजना चाहता है तो उनके रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ सकती है।


क्या निजी गाड़ी से जा सकते हैं?
अगर आपके पास अपनी गाड़ी है तो क्या आप उससे दूसरे राज्य स्थित अपने घर जा सकते हैं? अगर आप किसी गाड़ी को बुक करके जाना चाहते हैं तो इसकी इजाजत है या नहीं? इस सवाल का जवाब है कि आप इस तरह नहीं जा सकते। यानी आप न तो निजी गाड़ी से जा सकते हैं और न ही किसी अन्य गाड़ी को बुक करके। आपको उन्हीं बसों से ही ले जाया जाएगा जिनका इंतजाम संबंधित राज्य करेंगे।


क्या रजिस्ट्रेशन वाले सभी लोगों को इजाजत होगी?
मान लीजिए आप जहां फंसे हैं वहां नोडल अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। लेकिन रजिस्ट्रेशन का मतलब यह नहीं कि आपको ले ही जाया जाएगा। दरअसल, ले जाए जाने से पहले सभी लोगों की स्क्रीनिंग होगी कि उनमें कोरोना जैसे लक्षण है या नहीं। सिर्फ उन्हीं को जाने की इजाजत होगी जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे। जिनमें कोरोना जैसे लक्षण पाए जाएंगे उन्हें नहीं भेजा जाएगा और उनकी आगे की जांच और इलाज से संबंधित जरूरी प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाएगा।


गृह राज्य पहुंचने पर क्या होगा?
ऐसे लोग जिनमें स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना जैसे लक्षण नहीं मिलेंगे उन्हें बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बैठाकर उनके गृह राज्य ले जाया जाएगा। बीच में पड़ने वाले राज्य इन बसों को नहीं रोक सकते। डेस्टिनेशन पर उतरने के बाद लोगों की फिर से स्क्रीनिंग होगी। जरूरत पड़ने पर कुछ लोगों को क्वारंटीन/आइसोलेशन सेंटर ले जाया जाएगा, जहां उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी। बाकी सभी लोगों को होम क्वारंटीन में रखा जाएगा। ऐसे सभी लोगों के सेहत की निगरानी की जाएगी। इन लोगों को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने को कहा जाएगा ताकि उन्हें ट्रैक और मॉनिटर किया जा सके।