लॉकडाउन पर 4 मई के बाद मिलने वाली है क्या-क्या गुड न्यूज, जानिए


लॉकडाउन पर 4 मई के बाद मिलने वाली है क्या-क्या गुड न्यूज, जानिएकोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दो चरणों में लागू हुआ 40 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई को खत्म होने जा रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल के अपने दिशानिर्देशों में बदलाव कर राज्यों को लॉकडाउन में फंसे अपने लोगों को घर ले जाने की अनुमति दे दी है। अबतक के संकेत बताते हैं कि देशव्यापी लॉकडाउन अब नहीं बढ़ने वाला है। अब तक वायरस से अछूते रहे या कम जोखिम वाले क्षेत्र धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन की तरफ बढ़ने वाले हैं। आइए जानते हैं कि 4 मई के बाद कहां-कहां किस तरह की रियायतें मिल सकती हैं।
ग्रीन और ऑरेंज जोन में मिलेगी ढील
4 मई से ग्रीन और ऑरेंज जोन में पाबंदियों में काफी ढील दी जा सकती है। इन इलाकों में पहले से ही गृह मंत्रालय ने गैरजरूरी सामानों, सेवाओं की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। अब यहां हर तरह की दुकानों को खुलने की इजाजत दी जा सकती हैं। ग्रीन जोन वे हैं जो या तो अब तक कोरोना से अछूते रहे हैं या फिर पिछले 28 दिनों से वहां नए केस सामने नहीं आए हैं। ऑरेंज जोन वे हैं जहां पिछले 14 दिनों से नए केस सामने नहीं आए हैं। ऐक्टिव केसों वाले इलाके रेड जोन हैं और वहां पाबंदियों में छूट की संभावना कम है।
कोरोना से अछूते 300 जिलों में पूरी छूट मुमकिन
देश में 300 जिले ऐसे हैं जो अब तक कोरोना से अछूते हैं यानी वहां अब तक कोरोना के एक भी केस सामने नहीं आए हैं। इन जिलों में 4 मई के बाद हर तरह की कारोबारी गतिविधियां शुरू हो सकती हैं यानी यहां हर तरह की दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, छोटे-मोटे उद्योग, दफ्तर आदि खोले जा सकते हैं।
ग्रीन जोन्स में इंट्रा ट्रांसपोर्ट की दी जा सकती है इजाजत
इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट को भी इजाजत दी जा सकती है। सटे हुए ग्रीन जोन वाले जिलों के बीच भी ट्रांसपोर्ट शुरू किया जा सकता है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन जरूरी होगा।
कम केस वाले 300 जिलों में भी बढ़ेगा छूट का दायरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 300 जिले तो कोरोना से बिल्कुल अछूते हैं। इसके अलावा 300 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के मामले बेहद कम हैं। इन जिलों में भी रियायतों का दायरा बढ़ाया जा सकता है यानी यहां भी दुकानें, दफ्तर, कारोबार को धीरे-धीरे खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
129 जिले हॉटस्पॉट जहां छूट की उम्मीद नहीं
देश के 129 जिलों में कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट हैं यानी ये जिले रेड जोन में हैं। रेड जोन्स में हॉटस्पॉट्स से बाहर के इलाकों में ही कुछ मुमकिन है। हॉटस्पॉट्स में छूट मिलने की संभावना न के बराबर है। लॉकडाउन के बाद एक रणनीति तो यह हो सकती है कि हॉटस्पॉट्स से बाहर जाने या किसी बाहरी के वहां आने को पूरी सख्ती से रोका जाए और बाकी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाए ताकि इकॉनमी का पहिया भी आगे बढ़े। खास बात यह है कि मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद जैसे शहर जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, वे उद्योगों व रोजगार के सबसे बड़े केंद्र भी हैं।
प्रवासी मजदूरों, छात्रों और फंसे हुए लोगों को राहत
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी गाइडलाइंस में बुधवार को बदलाव किया। गाइडलाइंस के क्लॉज 17 में बदलाव करते हुए लॉकडाउन में फंसे लोगों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी। अब तमाम राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक, श्रद्धालु अपने-अपने राज्यों को जा सकेंगे। हालांकि, इसकी व्यवस्था सरकार करेगी यानी फ्री मूवमेंट तब भी नहीं होगा।
शर्तों के साथ फंसे लोगों की घर वापसी को इजाजत
छूट का मतलब यह नहीं है कि अब लॉकडाउन में फंसे लोग कोई भी साधन पकड़कर घर पहुंच जाए। फिलहाल ट्रेनें तो बिल्कुल नहीं चलने वाली। प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक, श्रद्धालु आदि फंसे हुए लोगों के घर आने की व्यवस्था संबंधित राज्य सरकारें ही करेंगी। इन्हें बसों से लाया जाएगा, जिन्हें यात्रा से पहले पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा। इन बसों में ठूस-ठूस कर लोग नहीं भरे जाएंगे क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना होगा। घर लौटने से पहले और बाद में ऐसे सभी लोगों की स्क्रीनिंग होगी, जांच होगी कि कहीं किसी में कोरोना के लक्षण तो नहीं। इसके अलावा घर लौटने के बाद उन्हें अनिवार्य होम क्वारंटीन या क्वारंटीन सेंटर में कुछ दिनों तक रहना होगा।
खतरे भी कम नहीं
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों आदि को तमाम दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। उनके लिए घर पहुंचना वाकई बहुत बड़ी राहत होगी। हालांकि, इसमें खतरें भी बहुत हैं। मिसाल के तौर पर नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं का मामला देखिए। पंजाब और हरियाणा ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में फंसे अपने-अपने राज्यों के श्रद्धालुओं को वापस बुलाया है। पंजाब पिछले कई दिनों से ऐसा कर रहा है। अब वहां से लौटे कई श्रद्धालुओं को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
फंसे हुए लोगों को ले जाना बड़ी चुनौती
फंसे हुए लोगों को उनके घर ले जाने के लिए ट्रेनों को चलाने की मांग हो रही है लेकिन केंद्र ने इससे इनकार किया है। सभी को बसों से ही ले जाया जाएगा और इसकी व्यवस्था संबंधित राज्य सरकारें करेंगी। लाखों लोगों को इस तरह बसों से ले जाना आसान भी नहीं है। देश के एक कोने से दूसरे कोने तक बसों के जरिए लोगों को लाना-ले जाना निश्चित तौर पर बहुत ही चुनौती वाला काम है। इसके अलावा अब जब इकॉनमी को खोलने का वक्त है, ऐसे वक्त में इस कदम से मजदूरों की कमी की समस्या और ज्यादा विकराल हो सकती है।