लॉकडाउन संकट-जैसलमेर में ईरान से लाए गए कश्मीरी छात्रों की जिद के आगे झुका प्रशासन, पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद 150 को विशेष विमान से भेजा श्रीनगर


जैसलमेर में सेना के वेलनेस सेंटर में कश्मीरी छात्र। 15 मार्च को इन छात्रों को ईरान से एयरलिफ्ट किया गया था। 
जोधपुर. जैसलमेर में सेना के वेलनेस सेंटर में ईरान से लाए गए 54 कश्मीरी छात्रों ने घर जाने की जिद पकड़ प्रशासन की नाक में दम कर दिया। इनके बार-बार भूख हड़ताल करने से प्रशासन की दिक्कतें बढ़ गई। इन छात्रों ने अपने घर जाने के लिए सोशल मीडिया पर भी लगातार आक्रामक रवैया अपना लिया। जैसलमेर जिला प्रशासन इन्हें सड़क मार्ग से कश्मीर भेजने की पूरी तैयारी कर चुका था, लेकिन वहां के प्रशासन ने इनकार कर दिया था। आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के पश्चात मंगलवार दोपहर पश्चात इंडियन एयर फोर्स के विशेष विमान से करीब 150 लोगों को जैसलमेर से श्रीनगर रवाना किया गया। 


ईरान में रहने वाले 54 भारतीय छात्रों को 15 मार्च को जैसलमेर लाया गया था। इन्हें सेना के वेलनेस सेंटर में रखा जा रहा है। इस वेलनेस सेंटर में ईरान से लाए गए 552 लोगों को रखा जा रहा है। इनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 28 मार्च को इन सभी छात्रों के कोरोना जांच के सैंपल लिए गए थे। इसमें ये सभी निगेटिव पाए गए थे। तब से ये छात्र वापस अपने घर कश्मीर जाने की तैयारी में लगे थे। लेकिन देशभर में जारी लॉक डाउन की वजह से इन्हें वापस भेजना संभव नहीं हो पाया। इसके बाद छात्रों ने भूख हड़ताल करने सहित कई तरह से प्रशासन को परेशान करना शुरू कर दिया। इनके साथ रहने वाले अन्य कश्मीरी लोगों ने भी इनका साथ दिया। 


थक हार जिला कलेक्टर नमित मेहता ने इनके लिए दो बसों की व्यवस्था कर अनुमति जारी कर दी। लेकिन जम्मू कश्मीर सरकार ने सूचित किया कि छात्रों को फिलहाल जैसलमेर में ही रखा जाए। हालात सामान्य होते ही इन्हें बुला लिया जाएगा। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 


तीन दिन पूर्व इन छात्रों ने एक बार फिर आंदोलन करना शुरू कर दिया। भूख हड़ताल करने पर सेना के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने इन्हें समझाने का भरसक जतन किया, लेकिन ये छात्र अपनी जिद पर अड़े हुए रहे। छात्रों ने घर जाने के लिए सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान छेड़ रखा है। इनका कहना है कि वे रमजान माह शुरू होने से पूर्व हर हालत में अपने घर जाना चाहते है। जैसलमेर की गर्मी में उनके लिए रोजा रखना बेहद मुश्किल भरा होगा। छात्रों का कहना है कि वे यहां दो क्वारैंटाइन अवधि से अधिक समय तक रह चुके है। 


यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय के ध्यान में आने पर वहां से इन्हें वापस कश्मीर भेजने की पहल हुई। इसके बाद मंगलवार दोपहर पश्चात एयर फोर्स के विशेष विमान से 54 छात्रों सहित करीब 150 लोगों को श्रीनगर के लिए रवाना किया गया।


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