पाकिस्‍तान की सेना ने इमरान को साइडलाइन कर खुद कोरोना से जंग की कमान संभाली


इस्‍लामाबाद
कोरोना वायरस के कहर से पूरा पाकिस्‍तान जूझ रहा है। देश में अब तक 12 हजार से ज्‍यादा मामले सामने आए हैं और 265 लोगों की जान चली गई है। इस महासंकट की घड़ी में अब प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी ही जनता के लिए 'बेगाने' हो गए हैं। दरअसल, पाकिस्‍तान की शक्तिशाली सेना ने पीएम इमरान खान को साइडलाइन कर दिया है और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने खुद ही इस जंग की कमान संभाल ली है।
पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस से जूझ रहे डॉक्‍टरों को एक तरफ किट नहीं मिल रही है और वे प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सिंध सरकार और इमरान खान सरकार के बीच तलवारें खिंच गई हैं। कोरोना वायरस से इस जंग में इमरान खान के कड़े फैसले लेने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन करने में असफल रहने के बाद सेना प्रमुख ने इमरान खान को साइडलाइन कर दिया है।


सेना ने बदला इमरान खान सरकार का फैसला
फाइनेंशियल टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक 22 मार्च को इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार देश में लॉकडाउन नहीं करेगी। उनका तर्क था कि इससे गरीब लोग खाए बिना मर जाएंगे। इमरान के इस ऐलान के 24 घंटे बाद ही पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने घोषणा की कि सेना देश में शटडाउन करने पर विचार करेगी ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके।


इसके बाद से पूरे पाकिस्‍तान में सेना को तैनात कर दिया गया है। पाकिस्‍तानी सेना ही अब देश में कोरोना वायरस से लड़ने की पूरी रणनीति बना रही है। सेना के चालाक जनरल कोरोना वायरस संकट को एक मौके के रूप में ले रहे हैं। वे यह साबित करना चाहते हैं कि इमरान खान देश को संभालने में अक्षम हैं और सेना ही कोरोना से देश को बचा सकती है। उधर, इमरान की भूमिका अब अपने ही देश में बेगाने की हो गई है।


'इमरान ने छोड़ी खाई, पाट रही पाकिस्‍तानी सेना'
पाकिस्‍तानी सेना के एक रिटायर जनरल ने कहा, 'इमरान सरकार ने अपनी कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति में बड़ी खाई छोड़ दी। सेना इस खाई को पाटने का प्रयास कर रही है। सेना के पास कोई विकल्‍प नहीं था।' विश्‍लेषकों का मानना है कि कोरोना वायरस से जंग की पूरी रणनीति पर सेना का कब्‍जा करना सेना के जनरलों की नजर में इमरान खान की एक और नीतिगत विफलता है।


बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तानी सेना इस बात से भी इमरान खान से बेहद नाराज है कि वह कश्‍मीर के मुद्दे पर अंतरराष्‍ट्रीय ध्‍यान नहीं खींच सके। यही नहीं इमरान खान एफटीएफ की ग्रे ल‍िस्‍ट से भी पाकिस्‍तान को नहीं निकलवा सके। वर्ष 2018 में सेना के कंधों पर सवार होकर सत्‍ता का स्‍वाद चखने वाले इमरान खान की अब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से बन नहीं रही है।


'प्रधानमंत्री निर्णायक फैसला नहीं लेंगे तो कोई और लेगा'
पाकिस्‍तान की विपक्षी पाकिस्‍तान पीपल्‍स पार्टी की एक सांसद नफीसा शाह ने कहा, 'आपातकाल के समय एक नेता को स्‍पष्‍ट फैसले करने होते हैं और उन्‍हें लागू करना होता है। आप घबरा नहीं सकते हैं।' दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ सज्‍जन गोहेल कहते हैं, 'पूरी दुनिया कठोर लॉकडाउन की सलाह दे रही है। यदि प्रधानमंत्री निर्णायक फैसला नहीं लेंगे तो यही फैसला कोई और लेगा।'


कोरोना वायरस से पाकिस्‍तान में हालात खराब हो गए हैं। पूरे देश में सेना तैनात है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कम जांच होने की वजह से अभी सही स्थिति सामने नहीं आई है। इस बीच पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले चिकित्सकों की संख्या बढ़ कर शनिवार को 160 हो गई, जबकि तीन स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो चुकी है। वहीं, देश में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की कमी को लेकर चिकित्साकर्मियों का विरोध शनिवार को नौवें दिन भी जारी रहा।