मुंबई. पालघर मॉब लिंचिंग के मामले में सोमवार को गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से सोमवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर बात की। इस बातचीत के बाद ऊद्धव ने कहा कि उन्होंने अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में जानकारी दी है। राज्य सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की है। 110 लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, इसमें कुछ नाबालिग भी थे। उद्धव ने कहा कि हमने दो पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पालघर मॉबलिंचिंग में सांप्रदायिक एंगल नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने सीआईडी जांच शुरू कर दी है, इस घटना को धार्मिक रंग देने से बचना चाहिए, यह गलत है।
16 अप्रैल की रात पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत 3 की पीट-पीटकर हत्या हुई, ये अंतिम संस्कार में जा रहे थे। रविवार को भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा था कि संतों की हत्या कर दी गई और देश के सभी धर्मनिरपेक्ष आज खामोश बैठ हैं। साक्षी महाराज ने भी लिंचिंग करने वालों को राक्षस करार दिया और कहा कि इन पर कार्रवाई की जाए।
बेटे आदित्य उद्धव के बचाव में उतरे
उद्धव ठाकरे के बचाव में उनके बेटे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा- इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र सरकार इस तरह के अपराधों को कभी माफ नहीं करती। पालघर मामले में सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है। सीएम ने पालघर मामले में अपना बयान दे दिया है। मैं सभी राजनीतिक दलों को यह ध्यान दिलाना चाहता हूं कि साधुओं पर हमला करने वालों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उद्धव ने कहा- पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्होंने 2 साधुओं, 1 ड्राइवर और पुलिसकर्मी पर हमला वे मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार हो चुके हैं। निर्मम अपराध और शर्मनाक कृत्य में शामिल लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा और इंसाफ होगा।
फडणवीस ने हाईलेवल जांच करवाने की मांग की
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। फडणवीस ने ट्वीट किया, 'पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं।'
चोरी करने की अफवाह फैलने के बाद हुई थी लिंचिंग
पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत तीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। तीनों एक साथी के अंतिम संस्कार में शामिल होने कांदिवली से सूरत जा रहे थे। उन्होंने एक वैन किराये पर ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक गार्ड ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वह गांव के रास्ते गुजरात जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान गांव में फंस गए। अफवाह फैला दी गई कि ये लोग चोर हैं। भीड़ ने इन्हें पीटना शुरू कर दिया था। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। इसमें वारदात के दौरान कुछ पुलिसवाले भी वहां खड़े हुए नजर आ रहे हैं।
अखाड़ा परिषद की चेतावनी- आंदोलन करेंगे
इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जा रहे साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर हत्या कर दी। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद करेंगे।