पालघर' पॉलिटिक्स, इससे पहले हुई मॉब लिंचिंग के दोषियों को सजा मिली क्या?


'पालघर' पॉलिटिक्स, इससे पहले हुई मॉब लिंचिंग के दोषियों को सजा मिली क्या?महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के साथ ड्राइवर की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। मामले में एक ओर जहां जमकर राजनीति हो रही है, वहीं मृतकों के परिवारवाले न्याय की मांग कर रहे हैं। हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे मामले, जहां मॉब लिंचिंग हुई, कई मामलों में आरोपियों का दोष भी सिद्ध हो गया, और कई मामलों में आरोपी आज भी आरोपी ही हैं, और असल दोषी का पता ही नहीं है।
​​रामगढ़ मॉब लिंचिंग: जब केन्द्रीय मंत्री ने आरोपियों को पहनाई माला



झारखंड के रामगढ़ में 29 जून 2017 को मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वैन में बीफ होने के शक में कुछ लोगों ने अलीमुद्दीन को पकड़ लिया था और उसकी गाड़ी को आग लगाने के बाद उसे भी बेरहमी से मार दिया था। मामले में हत्या के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली तो तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर इनका स्वागत किया था। और तो और इन आरोपियों की रिहाई के लिए आंदोलन ककरने वाले पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने बीजेपी कार्यालय पर ही प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर जमानत मिलने की खुशी जताई थी।
​सरायकेला-नागाडीह मॉब लिंचिंग: बच्चा चोरी का शक, 8 की हत्या



झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर के शोभापुर गांव में 18 मई 2017 को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। मामले में 21 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज हुई। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं। इस घटना के बाद स्थानीय डीसी और एसपी को निलंबित कर दिया गया था। वहीं 2017 में ही पूर्वी सिंहभूम जिले के बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह गांव में बच्चा चोरी के आरोप में एक वृद्धा समेत चार लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 300 ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में ग्राम प्रधान समेत कई आरोपी अभी जेल में बंद हैं।
​अखलाक मॉब लिंचिंग: सांसद ने दी थी आरोपी को सलामी



उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित बिसहड़ा गांव में गोमांस रखने की अफवाह पर भीड़ ने अखलाक नामक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना में अखलाक के बेटे दानिश को भी गंभीर चोट आई थीं। इस मामले के 18 आरोपियों में से एक आरोपी रवि सिसोदिया की जेल में मौत हो गई थी। रवि का शव जब उसके गांव में घर पहुंचा था तो नोएडा के सांसद महेश शर्मा ने वहां पहुंचकर उसे सलामी दी थी। केस में सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
​शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह मॉब लिंचिंग: आरोपियों का जमकर स्वागत



उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित स्याना के चिंगरावटी गांव में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़की थी। इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिंसा के आरोपी 2019 में जमानत पर जेल से बाहर आए तो उनका जमकर स्वागत किया गया। जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव, हेमू और रोहित राघव का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। मामले में कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 5 को सुबोध की हत्या का आरोपी बनाया गया था। मामले में 6 आरोपी जमानत पर बाहर हैं और बाकी 32 आरोपी जेल में हैं।
​तबरेज लिंचिंग केस: चोरी का आरोप, लगवाए 'जय श्रीराम' के नारे



झारखंड के सराईकेला-खरसांवा जिले के धातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी को भीड़ ने पीटा था। तबरेज पर चोरी का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने तबरेज को जेल भेजा तो तीन दिन बाद तबीयत खराब होने से उसकी मौत हो गई। मामले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमें खंबे से बांधकर तबरेज को पीटा जा रहा था और उससे जबरन 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए जा रहे थे। मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ था। इनमें से 6 आरोपी जमानत पर बाहर हैं, बाकी 5 जेल में हैं।