पीएम मोदी के 5 आइडिया, जिनसे बिजनस और वर्क कल्चर होगा बेहतर


नई दिल्ली
पीएम मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान काम और लाइफस्टाइल को लेकर अपने विचार शेयर किए। उन्होंने एक ट्वीट भी किया और कहा कि जब दुनिया कोविड-19 से लड़ रही है तो ऐसे में देश के युवा अच्छे भविष्य का रास्ता दिखा सकते हैं। उन्होंने लिखा कि लिंक्डइन पर कुछ विचार साझा किए हैं, जो युवाओं और प्रोफेशनल्स को पसंद आ सकते हैं।
पीएम मोदी ने लिखा है कि भारत एक युवाओं से भरा हुआ देश है, जो अपने इनोवेटिव आइडिया के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी ने बिजनस को बेहतर (pm modi tips to redefine busenesses and work culture) करने के 5 आइडिया शेयर किए हैं, जिन्हें अंग्रेजी से नए स्वर (a,e,i,o,u) कहा है।
A- अनुकूलन क्षमता


आज की जरूरत ये है कि ऐसे बिजनेस या लाइफस्टाइल मॉडल के बारे में सोचा जाए जिसमें अनुकूलन क्षमता हो यानी जिसे करना आसान हो। जो ऐसे क्राइसिस के वक्त में भी चलता रहे और किसी की जान को कोई खतरा भी ना हो। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है डिजिटल पेमेंट। छोटी-बड़ी दुकान के मालिकों को डिजिटल टू्ल्स में निवेश करना चाहिए, ताकि ऐसे क्राइसिस के दौर में भी कारोबार चलता रहे। भारत पहले से ही डिजिटल ट्रांजेक्शन में आगे बढ़ता जा रहा है। इसका दूसरा उदाहरण है टेलेमेडिसिन। बहुत से डॉक्टर बिना क्लीनिक या अस्पताल जाए ही ऑनलाइन कंसल्टेशन देते हैं। ये भी एक अच्छा संकेत है। क्या हम ऐसा बिजनस मॉडल सोच सकते हैं, जिसकी मदद से टेलेमेडिसिन को दुनिया भर में फैलाया जा सके?
E- कुशलता


यह मौका है कि हम कैसे कम कुशल बन सकते हैं। कुशलता का ये मतलब नहीं है कि आपने ऑफिस में कितना समय दिया। हमें ऐसे मॉडल्स पर विचार करना चाहिए, जहां उत्पादकता और कुलशलता किसी भी काम को करने की कोशिश से अधिक मायने रखती हो। इस बात पर जोर होना चाहिए कि काम को निर्धारित समय के अंदर कही खत्म किया जाए।
I- समावेशिता


चलिए ऐसा बिजनस मॉडल तैयार करें, जो गरीबों की मदद के लिए हो, जो इतने कमजोर हैं, जितना की प्रकृति। हमने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग में काफी तरक्की की है। प्रकृति हमें अपनी ताकत दिखा ही चुकी है कि कितनी जल्दी खिल उठती है, अगर इंसानों की गतिविधियां धीमी पड़ जाएं। हमें ऐसी ही तकनीक विकसित करनी चाहिए, जिसका हमारी धरती पर कम से कम असर पड़े। कम में अधिक करने वाली तकनीक के बारे में सोचना चाहिए। कोविड-19 ने हमें ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें हेल्थ सॉल्यूशन पर काम करने की जरूरत है, कम कीमत वाला और बड़े पैमाने पर। हम मानवता को भले और अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। हमें ऐसे इनोवेशन में निवेश करना चाहिए, जिससे किसानों को जानकारी, मशीनरी और मार्केट तक पहुंचने में आसानी हो सके, भले ही कोई भी स्थिति क्यों ना हो। ताकि हमारे नागरिकों को जरूरी सामान की कमी कभी ना हो।
O- मौका


हर क्राइसिस से साथ एक मौका भी मिलता है और कोविड-19 भी उससे अलग नहीं है। हमें इस बात पर सोचना चाहिए कि अब नए कौन से मौके सामने आ सकते हैं। कोविड-19 के प्रभाव से खत्म होने के बाद की दुनिया में भारत को आगे रखने के लिए हमें तैयार रहना होगा। इस बार में सोचना होगा कि कैसे हमारे लोग, उनके कौशल और क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकता है।
U- सार्वभौमिकता


कोविड-19 रंग, धर्म, जाति, भाषा और सीमा कुछ नहीं देखता, बस हमला करता चला जाता है। ऐसे में इसके बाद हमारी प्रतिक्रिया और आचरण को भी एकता और भाईचारे की जरूरत है।