फसली ऋण लेने वाले करोड़ों किसानों को राहत, रिजर्व बैंक ने ऐसे ऋण को भी 3 महीने का मोराटोरियम दिया


नई दिल्ली
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंकों से फसली ऋण लेने वाले देश के करोड़ों किसानों को रिजर्व बैंक ने राहत दी है। आरबीआई ने आज स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस की वजह से फसल लोन पर दिए गए तीन महीने के मोराटोरियम का लाभ तो मिलेगा ही, इसके अलावा उन्हें तीन महीने की अवधि के लिए दंडात्मक ब्याज भी नहीं भरना होगा। इसके साथ ही उन्हें इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम का भी लाभ मिलेगा। रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी एक पत्र में इसकी जानकारी दी गई है।
इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम का लाभ
सभी बैंकों के प्रमुखों को भेजे गए इस पत्र में बताया गया है कि सरकार ने किसानों को विस्तारित अवधि के दौरान भी ऋण का भुगतान करने पर इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम का लाभ देने का फैसला लिया है। इसके तहत उन्हें ब्याज में दो फीसदी की छूट मिलेगी। इसके साथ ही उन्हें समय पर भुगतान करने पर तीन फीसदी का प्रोत्साहन भी मिलेगा। इसमें कहा गया है कि जो किसान 31 मई, 2020 या इससे पहले ऋण का भुगतान कर देते हैं, उन्हें यह लाभ मिलेगा। लॉकडाउन की वजह से इस समय देशभर में कहीं भी आने-जाने पर रोक है, इसलिए वे बैंक की शाखाओं तक भी नहीं पहुंच पाएंगे।


फसल नहीं बेच पा रहे किसान
देशभर में लॉकडाउन के कारण कई किसान अपने अल्पकालिक फसली ऋण के बकाया भुगतान के लिए बैंक शाखाओं में जा नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा, लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध और समय पर एग्री जिंसों बिक्री तथा भुगतान नहीं मिलने के कारण भी किसान समय पर ऋण की अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। लॉकडाउन के कारण किसानों को इस अवधि के दौरान अपने अल्पकालिक फसली ऋणों के भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसी को देखते हुए सरकार ने अवधि बढ़ाने का
फैसला किया है।


खेती को लॉकडाउन से छूट
इससे पहले, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इस संबंध में इन्हें छूट प्रदान की है, जिससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी। कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी एवं राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों एवं कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और उर्वरक, कीटनाशक एवं बीजों के निर्माण एवं पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट मिली है। उर्वरकों की बिक्री भी हो रही है।