पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव ने थाना अधिकारियों के साथ बड़ी चौपड़ पर मिटिंग कर उन्हें लॉकडाउन पर और सख्ती बरतने के लिए कहा। साथ ही कर्फ़्यू एरिया में जायजा लिया।
जयपुर. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की। जिसके साथ उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल के बाद कुछ जगहों पर छूट दी जाएगी, लेकिन अगर लोगों ने समझदारी से उसका पालन नहीं किया तो उसे वापस भी लिया जा सकता है। इस बीच मंगलवार को राजस्थान में कोरोनापॉजिटिव संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 945 पहुंच गया। इनमें राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा 420 कोरोना संक्रमितों के केस सामने आए है। प्रदेश में 3 मार्च को इटली के विदेशी पर्यटक का पहला कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया था। इसके बाद 12 अप्रेल तक प्रदेश में कुल 11 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी थी। इनमें 13 साल की सबसे कम उम्र की बालिका भी शामिल है।
प्रदेश के चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में अभी कम्यूनिटी स्प्रेड का मामला सामने नहीं आया है। काफी हद तक कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार सफल रही है। इस बीच अच्छी बात यह है कि अब तक 133 लोग पाॅजीटिव से निगेटिव हो चुके हैं। इनमें से 63 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुल संक्रमितों से 22 फीसद से ज्यादा मरीज उपचार के बाद पाॅजीटिव से निगेटिव हो चुके हैं। इनमें जयपुर का रामगंज अकेला इलाका है। जो कि कम्यूनिटी स्प्रेड की बॉर्डर पर खड़ा है। यहां कोरोना हॉट स्पॉट बना हुआ है। जहां 25 मार्च को ओमान से यात्रा कर लौटे एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के बाद करीब 300 लोग संक्रमित हो गए।
अब लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक होने के बाद आगामी व्यूह रचना इलाके में कोरोना संक्रमण को लेकर केसों पर निर्भर करेगी। इसके लिए सरकार ने हाईरिस्क जोन व हॉट स्पॉट जगहों पर लॉक डाउन जारी रखेगी। इस दृष्टि से प्रदेश की राजधानी जयपुर सहित 13 जिले हाई रिस्क जोन में शामिल रखा जाएगा। यहां हॉट स्पॉट भी है और 10 से ज्यादा कोरोना संक्रमित भी मिले है। इसके अलावा 4 जिलों को मीडियम रिस्क जोन, आठ जिलों को लो-रिस्क जोन व 8 ही जिलों को आंकड़ों के आधार पर नो-रिस्क जोन में रखा जा सकता है।
जहां खतरा ज्यादा वह जिला हाई रिस्क जोन व हॉट स्पॉट, जहां कोरोना संक्रमितों के केस कम वह लॉ रिस्क जोन
हॉट स्पॉट: ऐसे शहरी वार्ड या ग्राम पंचायत जहां 5 पॉजिटिव हो और 100 से ज्यादा संदिग्ध केस हों।
हाई रिस्क जोन: जिस भी जिले में कोविड-19 संक्रमण के एक या इससे ज्यादा हॉट स्पॉट हो या फिर 10 या इससे ज्यादा कोरोना संक्रमित केस हो।
मीडियम रिस्क जोन: जिस जिले में पांच या पांच से ज्यादा लेकिन 10 से कम कोरोना संक्रमित केस हों। वे मीडियम रिस्क जोन में आएंगे।
लॉ रिस्क जोन: जिस भी जिले में पिछले 14 दिनों में कोई भी कोरोना संक्रमित केस नहीं पाया गया है या फिर जिस जिले में पांच से कम कोरोना संक्रमित केस हो।
नो केस डिस्ट्रीक्ट: जिस जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित केस ना हों या फिर पिछले 14 दिनों में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया हो।