राजस्थान एक तिहाई पॉजिटिव मरीज ठीक हुए, संक्रमण की गति भी घटी : स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर. राजस्थान में सभी हॉटस्पॉट जिलों में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार योजना पर काम किया जा रहा है। इसकी जानकारी मंगलवार को चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में गिरावट देखी जा रही है फिर भी  7 जिले हॉटस्पॉट बने हुए हैं। विभाग इन जिलों के प्रति सजग और सतर्क है। यहां जांच और सैंपलिंग की गति बढ़ा दी गई है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कटेंनमेंट प्लान के तहत 1, 3 और 5 किलोमीटर के दायरे में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। 


चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जितनी ज्यादा जांचें होंगी, उतनी जल्दी कोरोना संक्रमण का पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 6 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकते हैं। हमें विश्वास है कि आने वाले एक सप्ताह में प्रदेश 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल के बाद प्रदेश में संक्रमण को रोकने में सरकार और विभाग सफल हो सके हैं। उन्होंने कहा कि यदि संक्रमण की गति वही रहती तो यह संख्या 4500 से भी ज्यादा होती। उन्होंने कहा, विभाग संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।


एक तिहाई मरीज हुए पॉजिटिव से निगेटिव
डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश के एक तिहाई कोरोना पीड़ित पॉजिटिव से निगेटिव की श्रेणी में आ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार देखें तो प्रदेश में मंगलवार 2 बजे तक 2335 कोरोना पॉजिटिव चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 768 लोग पॉजिटिव से निगेटिव भी हो गए हैं। इनमें से 584 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है।


92 हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके
डॉ. शर्मा ने बताया कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में निरंतर सैंपलिंग की जा रही है। सैंपल्स की पेंडेंसी को लगातार दूर किया जा रहा है। प्रदेश में जैसे-जैसे जांच की क्षमता बढ़ेगी, लंबित सैंपल्स की पेंडेंसी भी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 93 हजार सैंपल आज तक लिए जा चुके हैं। इतनी भारी संख्या में सैंपल लेने का काम प्रदेश में कोई और राज्य अभी तक नहीं कर सका है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन जांच की क्षमता बढ़ाना और सैंपल्स लेने की संख्या में बढ़ोतरी विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इससे कोरोना की लड़ाई में खासी मदद मिल रही है।


केंद्र के समक्ष रखी जांच किट व वेंटिलेटर्स की मांग
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अलग-अलग अस्पतालों में 1096 लोग आइसोलेशन में भर्ती हैं। जबकि सामान्य अस्पतालों में 5098 लोग भर्ती हैं। ज्यादातर लोग सामान्य वार्ड में ही भर्ती हैं। केवल 2-3 केसेस हैं, जो वेंटीलेटर पर हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने केंद्रीय चिकित्सा मंत्री से 1500 वेंटिलेटर्स की मांग जरूर की है। इसके अलावा आरएनए एक्स्ट्रेक्शन और पीसीआर किट की भी मांग की है। केंद्रीय चिकित्सा मंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि मांग के अनुसार वे हमें सभी उपकरण उपलब्ध कराएंगे।