नई दिल्ली
कोरोना वायरस महामारी संकट पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को इससे बाहर निकलने तथा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए नया तरीका ढूंढना होगा। इकॉनमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में राजन ने जीवन के साथ-साथ आजीविका बचाने के लिए आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करने की बात कही।
'उल्लेखनीय सुधारों की आवश्यकता'
राजन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद का वक्त वित्तीय अस्थिरता और राजकोषीय संकट वाला नहीं होना चाहिए, जैसा कोरोना संकट शुरू होने के समय था। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए उल्लेखनीय सुधारों की आवश्यकता होगी और इन सुधारों पर हम किस तरह राजनीतिक एकमत कायम करते हैं, यह मूल सवाल होगा। राजन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये सुधार नहीं किए गए तो भारत बेहद अप्रभावी तरीके से आगे बढ़ेगा और एक बहुत बड़ी युवा आबादी वाले देश के लिए यह अच्छा नहीं होगा।
लॉकडाउन हटाने पर कही यह बात
लॉकडाउन को हटाए जाने के बारे में राजन ने कहा कि भारत को इससे धीरे-धीरे बाहर निकलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर संक्रमण सबसे कम है, वहां लॉकडाउन को पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ हटाया जा सकता है। पूर्व गवर्नर ने कहा कि भारत लंबे समय तक लॉकडाउन में नहीं रह सकता है।
'पैकेज को लेकर सजह रहना होगा'
सरकार की तरफ से पैकेज के बारे में रघुराम राजन ने चेताते हुए कहा कि इस बारे में लोगों को बेहद सजग रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे करेंसी पर कोई असर न पड़े और ब्याज दरें नहीं बढ़ें। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कीम बनाते समय सरकार को बेहद सावधानी बरतनी होगी। वहीं, अमेरिका-चीन के बीच कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर तनाव पर राजन ने कहा कि भारत ने इससे दूर रहने की दिशा में बेहतर काम किया है।