श्रम विभाग ने लॉक डाउन अवधि में हेल्प लाइन के माध्यम से साढ़े तेरह हजार श्रमिकों की मदद की’


जयपुर। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न विशेष परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए श्रम विभाग की ओर से तत्परता से श्रमिकों की हर संभव मदद की जा रही है। श्रम विभाग ने लॉकडाउन अवधि में हेल्प लाइन के माध्यम से साढ़े तेरह हजार श्रमिकों की मदद की है। साथ ही 7.68 लाख से अधिक श्रमिकों के बैंक खातों में कैश ट्रांसफर किया गया और हेल्पलाइन के माध्यम से लगभग 75 हजार श्रमिकों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई।


 श्रम राज्य मंत्री  टीकाराम जूली ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कई कदमों के साथ-साथ श्रम विभाग द्वारा भी पहल करते हुए पीड़ितों तक सहायता पहुंचाने के प्रयास प्रारम्भ किये गये है। लॉकडाउन के बाद अगर कोई नियोक्ता अपने कर्मचारी एवं श्रमिक को नौकरी से निकालता है या वेतन कटौती करता है या श्रमिकों की अन्य कोई समस्या के लिए श्रम विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर 1800-1800-999 एवं मोबाइल नंबर 7300065959, 9784467278 जारी किए गए।  श्रमिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न होने पर इन नंबर पर कॉल करके मदद प्राप्त कर सकते हैं।


श्रम राज्य मंत्री जूली ने बताया कि इन तीनों हैल्पलाइन नम्बरों पर लॉकडाउन अवधि में अब तक श्रमिकों एवं अन्य लोगों के लगभग 13 हजार 416 फोन कॉल प्राप्त हुए है जिनकी समस्या सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि हैल्प लाइन नं 1800-1800-999 पर अब तक प्राप्त कॉल की संख्या 7006 एवं मोबाइल नम्बर 7300065959, 9784467278 पर अब तक क्रमशः 1996 एवं 2378 कॉल सुनी गई। साथ ही 2036 मिस्ड कॉल प्राप्त हुई जिनका फॉलोअप किया। 


जूली ने बताया कि 7 लाख 68 हजार 300 श्रमिकों  के बैंक खातों में आजीविका ब्यूरो द्वारा कैश ट्रांसफर किया गया एवं श्रमिकों के वेतन कटौती एवं दूसरी समस्याओं का भी समाधान किया गया। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन के माध्यम से लगभग 75 हजार 211 श्रमिकों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई।


उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रान्त के अलावा अन्य जगह जैसे दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई तथा गुडगांव-हरियाणा से भी हेल्पलाइन पर कॉल प्राप्त हुए हैं जिन्हें सुनकर विभाग द्वारा हर संभव मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा इस हैल्पलाइन को संचालित करने की जिम्मेदारी आजीविका ब्यूरो, उदयपुर को एक अनुबन्ध के तहत सौंप रखी है।



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