स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज संभव नहीं, ऐसा करना गैर कानूनी;


नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईसीएमआर) का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना का प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज नहीं कहा जा सकता। अगर कोई इस थैरेपी के जरिए इलाज का दावा करता है तो यह गैर-कानूनी है। अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्लाज्मा थैरेपी के जरिए मरीजों को ठीक किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इस पर अध्ययन शुरू किया है। तब तक इसको लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं किया जाना चाहिए। गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाएगा तो इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए अभी केवल ट्रायल और रिसर्च ही इस पर किया जा सकता है।


अग्रवाल ने कोरोना से प्रभावित दुनिया के 20 देशों से भारत की तुलनात्मक रिपोर्ट भी पेश की। इसमें चीन, इटली, अमेरिका, ईरान, यूके जैसे देश शामिल हैं। बताया कि इन देशों की तुलना भारत में स्थिति काफी अच्छी है। दूसरे देशों में हमारे यहां से 84 गुना ज्यादा केस रिपोर्ट हुए। इन देशों में हमारी तुलना में मौत भी 200 गुना ज्यादा हुईं।


तेजी से सही हो रहे संक्रमित, रिकवरी रेट 23.3 हुई 


अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट अब 23.3% हो गई है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए अच्छी बात है। अभी तक देश में संक्रमण के कुल 29435 मामले आ चुके हैं, जिनमें 21632 एक्टिव केस हैं, जबकि शेष का इलाज चल रहा है। पिछले एक दिन में 684 लोगों को सही किया जा चुका है। संक्रमण फैलने की रफ्तार भी कम हुई है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं आया है।