तबलीगी जमात क्या है, निजामुद्दीन मरकज में क्या होता है, जानिए


नई दिल्ली
कोरोना के मरीज मिलने के बाद से निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा में है। ज्यादातर लोग इस बात को जानना चाहते हैं कि आखिर यह मरकज है क्या और यहां क्या होता है? तब्लीगी जमात से लंबे वक्त तक जुड़े रहे एक शख्स ने हमें बताया कि आखिर यहां क्या होता है।


तबलीगी जमात का हेडक्वॉर्टर
इस बिल्डिंग को तबलीगी जमात के हेडक्वॉर्टर के तौर पर भी जाना जाता है। उससे पहले यह भी जान लें कि तबलीगी जमात क्या है और ये लोग क्या करते हैं? तबलीगी जमात से जुड़े लोग पूरी दुनिया में इस्लाम के प्रचार-प्रसार का काम करते हैं। 10, 20, 30 या इससे ज्यादा लोगों की जमातें (ग्रुप्स) देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंचते हैं और फिर यहां से उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता है जहां की मस्जिदों में ये लोग ठहरते हैं और वहां के लोकल मुसलमानों से नमाज पढ़ने और इस्लाम की दूसरी शिक्षाओं पर अमल करने की गुजारिश करते हैं।


दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित इस मरकज में आमतौर पर भी काफी लोग रहते हैं। तबलीगी जमात से जुड़े दिल्ली और आसपास के लोग यहां आते रहते हैं। हर जुमेरात को यहां ‘जोड़’ (एक तरह की बैठक) होता है जिसमें लोग एक साथ बैठकर धर्म की बातें करते हैं। महीने में एक बार यह बड़े लेवल पर भी होता है जिसमें करीब 2 से 3 हजार लोग आते हैं। इनमें से ज्यादातर यहीं रुकते भी हैं। अगर यहां पर 1000 लोग भी एक साथ रुके हुए हों तो सोशल डिस्टेंसिंग होना मुमकिन नहीं है। 


इसके अलावा यहां का कल्चर भी काफी घुलने-मिलने वाला है। लोग एक दूसरे से मुसाफा (हाथ मिलाना) करते हैं और ज्यादातर लोग एक ही थाली में खाना भी खाते हैं। हालांकि यह कहा जा रहा है कि सरकार के निर्देशों के बाद अपनी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग रखने की पूरी कोशिश की जा रही थी।