20.97 लाख करोड़ का राहत पैकेज / मनरेगा को 40 हजार करोड़ का एक्स्ट्रा फंड, एक साल तक कंपनियों पर दिवालिया कार्रवाई नहीं


नई दिल्ली. 5 दिन, 5 प्रेस कॉन्फ्रेंस। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रविवार को जब आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो राहत पैकेज का पांचवां ब्लू प्रिंट भी बता दिया। यह राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपए का नहीं, बल्कि इससे भी 97 हजार करोड़ रुपए ज्यादा यानी कुल 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए का है।


सरकार ने इस पैकेज में प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले बताई गईं 1 लाख 92 हजार 800 करोड़ रुपए की घोषणाओं को भी शामिल कर लिया है। 22 मार्च से टैक्स में दी गई छूट की वजह से हुए रेवेन्यू के 7800 करोड़ रुपए के नुकसान को भी इसमें शामिल किया है। आरबीआई ने अब तक जो अलग-अलग घोषणाएं की हैं, उसके 8 लाख करोड़ रुपए भी इसी पैकेज का हिस्सा हैं।


सरकार ने 56 दिनों में 20.97 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज दिए, इनमें से 11 लाख करोड़ रुपए की घोषणाएं इन 5 दिनों में हुईं
वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस  कितनी देर बोलीं  कितनी घोषणाएं कीं  कितने रुपए का पैकेज दिया
पहली  एक घंटा 29 मिनट  15 घोषणाएं  5.94 लाख करोड़
दूसरी  एक घंटा 35 मिनट  9 घोषणाएं  3.10 लाख करोड़
तीसरी  एक घंटा 17 मिनट  11 घोषणाएं  1.50 लाख करोड़
चौथी  एक घंटा 18 मिनट  8 घोषणाएं  8100 करोड़
पांचवीं  एक घंटा 58 मिनट  8 घोषणाएं  40 हजार करोड़
कुल  साढ़े सात घंटे  51 घोषणाएं  11.02 लाख करोड़
22 मार्च से 12 मई तक सरकार की घोषणाएं  1.92 लाख करोड़
आरबीआई के कदम  8 लाख करोड़
कुल  20.97 लाख करोड़


बात करें इस आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो वित्त मंत्री ने इसमें 8 घोषणाएं कीं। ये मनरेगा, स्वास्थ्य, कारोबार, कंपनी एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज और राज्य सरकारों को लेकर थीं।


दो बड़ी बातें यह कि स्ट्रैटजिक सेक्टर को छोड़कर बाकी पब्लिक सेक्टर अब प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिए जाएंगे और अगर कोरोना की वजह से किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो उस पर एक साल तक दिवालिया की कार्रवाई नहीं होगी।


करीब 2 घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री की 8 घोषणाएं...


1. 40 हजार करोड़ रुपए मनरेगा पर खर्च होंगे
क्या मिलेगा: सरकार मनरेगा पर 40 हजार करोड़ रुपए और खर्च करेगी। यह एक्स्ट्रा फंड होगा। 
किसे मिलेगा: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी मजदूर जब अपने घर लौटेंगे तो उनके पास काम की कमी नहीं रहेगी। 
कैसे मिलेगा: मानसून के सीजन में भी मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। पानी सहेजने वाले कामों में मजदूरों को रोजगार मिलेगा। 
कब मिलेगा: सरकार तुरंत यह फंड रिलीज करेगी।


2. नए अस्पताल बनेंगे, ब्लॉक स्तर पर लैब्स बढ़ेंगी
क्या मिलेगा: पब्लिक हेल्थ लैब्स न सिर्फ जिला स्तर पर, बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी बनाई जाएंगी।  
किसे मिलेगा: गांवों, कस्बाई और शहरी इलाकों में संक्रामक बीमारियों का इलाज करने वाले अस्पताल बनेंगे।
कैसे मिलेगा: लैब और निगरानी का नेटवर्क मजबूत किया जाएगा। आईसीएमआर भी मदद करेगा। सरकार जमीनी स्तर पर काम करने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं में निवेश बढ़ाएगी। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च होगा।
कब मिलेगा: यह साफ नहीं है।


3. पढ़ाई के लिए एक क्लास, एक चैनल और एक देश, एक डिजिटल प्लेफॉर्म 
क्या मिलेगा: प्रधानमंत्री ई-विद्या प्रोग्राम शुरू होगा। इसके जरिए डिजिटल पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा। पहली से 12वीं तक हर क्लास के लिए एक चैनल तय होगा। यानी वन क्लास, वन चैनल होगा। क्यूआर कोड के जरिए ई-किताबें पढ़ सकेंगे। इस तरह वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा। 
किसे मिलेगा: स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए। दिव्यांग बच्चों को भी इसका फायदा मिलेगा ताकि वे पढ़ाई में पीछे न रहें। बच्चों, टीचर्स, माता-पिता और परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए मनोदर्पण कार्यक्रम शुरू होगा। इसके जरिए उनकी काउंसलिंग की जाएगी।
कैसे मिलेगा: रेडियो, कम्युनिटी रेडियाे और पॉडकास्ट का ज्यादा इस्तेमाल होगा। 30 मई तक टॉप-100 यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन कोर्सेस की शुरुआत होगी। 
कब मिलेगा: दिसंबर 2020 तक नेशनल फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत कोशिश रहेगी कि 2025 तक हर बच्चे को शिक्षा मिले।


4. कोरोना की वजह से नुकसान हुआ तो दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई नहीं होगी
क्या मिलेगा: अगर कोरोना की वजह से किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो उसे डिफॉल्ट केस नहीं माना जाएगा। स्पेशल इन्सॉल्वेंसी फ्रेम वर्क आएगा। 
किसे मिलेगा: बेहद छोटे, छोटे और मझले उद्योगों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, जिनका कारोबार लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है।
कैसे मिलेगा: ऐसी कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की नई प्रक्रियाएं शुरू नहीं की जाएंगी। दिवालिया घोषित करने के लिए सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है। यानी कम से कम 1 करोड़ रुपए के कर्ज में डिफॉल्ट किय है, तभी दिवालिया प्रक्रिया के दायरे में आएंगे।
कब मिलेगा: एक साल के लिए। इसके लिए नियम जल्द ही नोटिफाई होंगे।


5. कंपनी एक्ट को आसान बनाया जाएगा
क्या मिलेगा: सीएसआर की रिपोर्टिंग में कमी रहने, बोर्ड की रिपोर्ट में कमी रहने या एनुअल जनरल मीटिंग कराने में थोड़ी देरी जैसी कोई छोटी चूक रह जाती है तो इसे अपराध के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
किसे मिलेगा: कंपनियों को राहत मिलेगी, उन्हें बहुत सारी दस्तावेजी औपचारिकताओं में नहीं उलझना पड़ेगा। एनसीएलटी में लंबित मुकदमों की संख्या कम हो जाएगी। 
कैसे मिलेगा: 40 धाराओं के तहत जो मामले अब तक अपराध माने जाते थे, उन्हें अपराध के दायरे से हटाया जाएगा। पहले ऐसी धाराएं 18 थीं, जिन्हें बढ़ाकर अब 58 कर दिया गया है। आपराधिक मामलों से जुड़ी 7 धाराओं को पूरी तरत खत्म किया जाएगा। रीजनल डायरेक्टर्स की पावर को बढ़ाया जाएगा।
कब मिलेगा: यह कब से लागू होगा, यह साफ नहीं है।


6. कॉर्पोरेट्स के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
क्या मिलेगा: जो निजी कंपनियां नॉन-कन्वेर्टेबल डिबेंचर्स को स्टॉक में रखती हैं, उन्हें लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। भारतीय कंपनियां विदेशी बाजार में सिक्योरिटीज की सीधे लिस्टिंग करवा सकेंगी।
किसे मिलेगा: निजी कंपनियों को। साथ ही ऐसी कंपनियों को जो छोटी हैं, जिन्हें एक ही व्यक्ति चलाता है, जो प्रोड्यूसर कंपनियां हैं और जो स्टार्टअप्स हैं। इन पर जुर्माने के प्रावधान कम किए जाएंगे।
कब मिलेगा: यह अभी साफ नहीं है।


7. पीएसयू पॉलिसी
क्या मिलेगा: सभी सेक्टर निजी क्षेत्रों के लिए खोले जाएंगे। पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज कुछ अहम सेक्टर्स में भूमिका निभाते रहेंगे।
किसे मिलेगा: निजी कंपनियों को उन सेक्टर्स में भी निवेश करने या कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा, जहां अब तक सरकार का ही दखल था।
कैसे मिलेगा: स्ट्रैटजिक सेक्टर में कम से कम एक पब्लिक एंटरप्राइजेज बना रहे, इसका ध्यान रखा जाएगा। स्ट्रैटजिक सेक्टर में भी सरकारी उद्यमों की संख्या 1 से 4 तक ही सीमित रखी जाएगी ताकि प्रशासनिक खर्च कम रहें। बाकी को या तो प्राइवेटाइज किया जाएगा या मर्ज कर एक होल्डिंग कंपनी के दायरे में लाया जाएगा।
कब मिलेगा: यह अभी साफ नहीं है।


8. राज्य को केंद्र से ज्यादा पैसे मिलेंगे
क्या मिलेगा: राज्यों को ग्रॉस स्टेट डॉमेस्टिक प्रोडक्ट का 3% हिस्सा मिलता है। 2020-21 में राज्यों के लिए यह पैसा 6.41 लाख करोड़ रुपए का है। केंद्र ने अब इसे 3% से बढ़ाकर 5% करने का फैसला किया है।
किसे मिलेगा: सभी राज्यों को, जिनका रेवेन्यू लॉकडाउन की वजह से घट गया है और जिन्हें ज्यादा फंड्स की जरूरत है।
कैसे मिलेगा: राज्यों को ग्रॉस स्टेट डॉमेस्टिक प्रोडक्ट का 3% हिस्सा मिलने पर 4.28 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। राज्यों ने अभी तक उनके हक का सिर्फ 14% पैसा लिया है। 86% का पैसा अभी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया है। यह भी उनके लिए मौजूद रहेगा। एक तिमाही में वे 32 दिन की जगह 50 दिन तक ओवरड्राफ्ट रख सकेंगे।
कब मिलेगा: मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में।