आधा पेट खाकर सो रहा आधा ग्रामीण भारत'


नई दिल्ली
लॉकडाउन के बीच देश के ग्रामीण इलाकों में लोग भरपेट भोजन नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के प्रभाव के एक अध्ययन में यब बात सामने आई है। सिविल सोसायटी संगठनों ने 12 राज्यों के ग्रामीण इलाकों के 5 हजार से ज्यादा घरों में यह सर्वे किया है। इससे पता चला है कि इनमें से आधे लोग भोजन में कम चीजें खा रहे हैं। साथ ही उनके खाने की संख्या में भी कमी आई है।


सर्वे में शामिल हुए 68 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने भोजन में शामिल चीजों की संख्या घटा दी है। वहीं, 50 फीसदी ने माना कि दिन में पहले के मुकाबले अब वे कम बार भोजन कर रहे हैं। 24 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें अनाज दूसरों से मांगना पड़ा।


इन लोगों को नहीं मिल रहा है राशन
84 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के जरिए राशन मिल रहा है। सर्वे में शामिल 16 फीसदी लोगों को अब भी पीडीएस से राशन नहीं मिल रहा है। अध्ययन में पीडीएस के साथ-साथ आने वाले खरीफ सीजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किए गए निवेश को भी पैमाना बनाया गया। 28 अप्रैल से 2 मई तक 12 राज्यों के 47 जिलों के 5162 घरों में यह सर्वे कराया गया। इनमें मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, असम और कर्नाटक को शामिल किया गया।


'अतिरिक्त अनाज नहीं मिला था'
सर्वे का नाम 'कोविड-19 से लॉकडाउन- देश के इलाके कैसे लड़ रहे हैं' रखा गया। इस अध्ययन को PRADAN, ऐक्शन फॉर सोशल अडवांसमेंट, ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन, ग्रामीण सहारा, साथी-यूपी और आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम (इंडिया) के साथ ही विकास अन्वेश फाउंडेशन और संबोधि की मदद से पूरा किया गया। इस सर्वे में लोगों के घरों में खाद्यान्न के स्टॉक (संरक्षित अनाज) को लेकर भी गंभीर इशारा किया गया है। सर्वे में शामिल एक तिहाई से ज्यादा घरों ने माना कि उनका अनाज का स्टॉक तेजी से कम हो रहा है। उन्होंने ये भी माना कि पिछली बार खरीफ की फसल से उन्हें अतिरिक्त अनाज नहीं मिला था। वहीं एक तिहाई ने माना कि उनके पास मई आखिर तक का ही खरीफ का स्टॉक बचा हुआ है।


17 मई को पूरा हो जाएगा 56 दिनों का लॉकडाउन
अब बात की जाए भारत में लॉकडाउन की तो 17 मई को 56 दिनों की लॉकडाउन की अवधि पूरी हो जाएगी। हालांकि, यह लॉकडाउन अभी खत्म होने वाला नहीं है। लॉकडाउन 4.0 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिए अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया है। हां, यह जरूर है कि लॉकडाउन के बढ़ते चरणों के साथ सहूलियतों की, दिशा-निर्देशों की फेहरिस्त में इजाफा किया जा रहा है।