बीजेपी ने अपनाया ये फॉर्म्युला, ताकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोग रहें खुश!


भोपाल।
ज्योदिरादित्य सिंधिया के आने के बाद बीजेपी के सामने मुश्किलें यह हैं कि उनके लोगों के साथ-साथ अपने लोगों को भी साधकर चले। उपचुनाव से पहले बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है। एमपी में बीजेपी चाहती है कि सिंधिया के साथ-साथ अपने लोग भी नाराज न हों, इसके लिए पार्टी ने एक नया फॉर्म्युला अपनाया है। जिला अध्यक्षों के बदलाव में मध्यप्रदेश बीजेपी ने उसे अजमाया भी है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस 22 विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं। कुछ महीने बाद प्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसकी तैयारी पार्टी ने शुरू कर दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सभी 22 सीटों पर उन्हीं लोगों को बीजेपी टिकट देगी, जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। पूर्व के चुनावों में उनके प्रतिद्वंदी रहे बीजेपी नेताओं को एडजस्ट करना पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उपचुनाव से पहले बीजेपी भी किसी भी बगावत को हवा नहीं देना चाहती है।


सिलावट का रास्ता साफ
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी लोगों में गिने जाने वाले तुलसी सिलावट शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं। तुलसी सांवेर से चुनाव लड़ते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजेश सोनकर चुनाव हराया था। सोनकर पूर्व में सांवेर से विधायक रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि तुलसी के आने के बाद सोनकर अपनी राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित थे, उन्होंने पार्टी नेतृत्व को इस बात से अवगत कराया था। 
शनिवार रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 24 जिला अध्यक्षों की घोषणा की। वीडी शर्मा ने अपनी टीम के चयन में युवा चेहरों को जगह दी है। इस बदलाव से पार्टी ने तुलसी सिलावट का रास्ता साफ कर दिया है, साथ ही पूर्व विधायक राजेश सोनकर को भी एडजस्ट कर दिया है। पूर्व विधायक राजेश सोनकर को बीजेपी ने इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति के साथ ही क्षेत्र में नई राजनीति देखने को मिलेगी। सिलावट बनाम सोनकर का समीकरण अब सिवालट संग सोनकर हो गया है।


एक-दूसरे को हरा चुके हैं दोनों
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में राजेश सोनकर और तुसली सिलावट राजनीतिक विरोधी थे लेकिन अब दोनों एक ही पार्टी में हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में राजेश सोनकर ने तुलसी सिवालट को चुनाव हराया था। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में तुलसी सिलावट ने राजेश सोनकर को करीब 3 हजार मतों से चुनाव हराया था। यही वजह है कि पार्टी ने राजेश सोनकर को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर सोनकर के समर्थकों को राहत दी है और आगामी उपचुनाव को साधने की कोशिश की है।


सोनकर देंगे तुलसी का साथ ?
राजेश सोनकर के जिला अध्यक्ष बनने से पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही तुसली सिलावट को जिताने की जिम्मेदारी अब राजेश सोनकर की होगी।