देश में जिस तेज रफ्तार से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है, कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की आशंका


नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले  करीब 60 हजार के करीब पहुंच चुके हैं। अभी भी 200 से ज्यादा ऐसे जिले हैं जो कोरोना से अछूते हैं। दूसरी तरफ, कुछ ऐसे जिले हैं जो कोरोना संक्रमण के गढ़ बन चुके हैं। देश में करीब 75 जिलों में ही कोविड-19 के ज्यादातर मामले हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) अब इन 75 जिलों में स्टडी शुरू करने की योजना बना रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं इन जिलों में कम्यूनिटी ट्रांसमिशनतो शुरू नहीं हो गई है।

75 जिलों में कौन-कौन
जाहिर है कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की आशंका वाले सभी 75 जिले रेड जोन्स का ही हिस्सा हैं। इसमें दिल्ली के सभी जिले, मुंबई, पुणे, ठाणे, आगरा, अहमदाबाद जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर अकेले मुंबई में 12 हजार से ज्यादा केस हैं। दिल्ली में 6 हजार से ज्यादा तो अहमदाबाद में 5 हजार प्लस केस हैं। पुणे और ठाणे में 2 हजार से ज्यादा केस हैं। इंदौर में 1700 से ज्यादा, जयपुर में एक हजार से ज्यादा, जोधपुर और सूरत में 800-800 से ज्यादा और आगरा में 700 से ज्यादा कोरोना केस हैं।


हर जिले में सांस की बीमारी, इन्फ्लूएंजा के 250 सैंपलों की जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों से कहा है कि वे हर जिले में सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) यानी सांस लेने में समस्या और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) वाले लोगों के कम से कम 250 सैंपलों को टेस्ट करें। केंद्र ने ऐसा निर्देश इसलिए दिया है ताकि कोरोना वायरस के फैलाव पर नजर रखी जा सके और उसकी सही से निगरानी हो सके।
LISA टेस्ट किट्स के जरिए होगी स्टडी
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में आईसीएमआर का प्लान था कि क्लस्टर वाले या बहुत ज्यादा केसों वाले जिलों में इस तरह की स्टडी को रैपिड ऐंटी-बॉडी टेस्ट किट्स के जरिए जांच करके किया जाए। हालांकि, जब इन किट्स के नतीजों में विसंगतियां दिखने लगीं तब इस प्लान को स्थगित कर दिया गया। अब काउंसिल की योजना है कि इन 75 जिलों में ELISA (एंजाइमलिंक्ड इम्यूनोसोर्बेंट असे) टेस्ट किट्स के जरिए स्टडी की जाए।


रैपिड ऐंटी-बॉडी टेस्ट की तरह है ELISA टेस्ट
ELISA टेस्ट किट्स भी रैपिड ऐंटी-बॉडी टेस्ट किट्स की तरह है क्योंकि यह भी व्यक्ति के खून में ऐंटी-बॉडी की सक्रियता का पता लगाता है। हालांकि, इन किट्स को अभी आईसीएमआर द्वारा वैधता का इंतजार है। आईसीएमआर ने कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की जांच के लिए मार्च महीने में भी इसी तरह की स्टडी की थी। हालांकि, ICMR यह कहता आया है कि अभी इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं जिससे कहा जा सके कि देश में कोरोना के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का दौर शुरू हो चुका है।