डूंगरपुर. जिले में अब तक 9 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें से 5 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। पांच पॉजीटिव मरीजों की तीसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया। फिलहाल बॉर्डर खुलने के बाद गुजरात से आए चार अन्य प्रवासी कोरोना संक्रमित हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।
डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम ने बताया कि कोरोनामुक्त हुए चार मरीज गांव पारड़ा सोलंकी और एक मरीज सीमलवाड़ा क्षेत्र का रहने वाला है। इनमें से चार लोग इंदौर और एक गुजरात से आया था। इन सभी को 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन रहने और अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। इस दौरान उनको घर के अन्य लोगों से भी सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई। इसके साथ ही चिकित्सकों द्वारा इनकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
पूर्व से ही प्रशासन हो गया सजग
यहां के अधिकतर लोग रोजगार के लिए अन्य राज्यों और देशों में रहते हैं। विशेषकर गुजरात, महाराष्ट्र और खाड़ी देशों में कार्यरत होने की स्थिति को देखते हुए पहले से ही प्रशासन सतर्क हो गया था।
बॉर्डर पर चाक चौकबंद व्यवस्थाएं
जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने रैपिड एक्शन मोड पर कार्य करते हुए दूसरे राज्यों से जुड़ी तीन एवं अंतर जिला चार चैकपोस्ट स्थापित किए। इन चैकपोस्टों पर 22 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक 52 हजार 783 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। बॉर्डर पर आए माईग्रेंट के लिए राहत शिविर लगाए गए। इन शिविरों में सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। लॉकडाउन फेज-2 के बाद फिर से प्रवासी-श्रमिकों के आने के क्रम में अब तक कुल 81 हजार 679 लोग जिले की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से बॉर्डर पर स्क्रीनिंग के लिए 24 घंटे 50 चिकित्सकों एवं 200 चिकित्साकर्मियों की तीन पारियों में अलग-अलग दल एवं प्रभारी अधिकारियों को नियुक्ति किया गया है।
ग्राम स्तर पर बनाई है निगरानी कमेटियां
प्रशासन ने नवाचार करते हुए ग्राम स्तरों पर निगरानी कमेटियां बनाई हैं, जिसमें राजकीय कर्मचारियों के अलावा, नेहरू युवा केन्द्र सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, जनप्रतिनिधि एवं युवाओं को सम्मिलित किया गया है। इन कमेटियों के माध्यम से पहाड़ी रास्तों से गांवों में पहुंचने वाले लोगों पर भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे कुछ ऐसे लोग जो कच्चे रास्तों से सीधे घर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
गांव-गांव हो रहा है सैनिटाइज
महामारी के नियंत्रण के लिए नगर परिषद और नगरपालिका क्षेत्रों के साथ ही गांवों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। प्रभावी मॉनिटरिंग एवं चिकित्सा सेवाओं के लिए कलस्टर प्रभारी और हर ब्लॉक पर पांच चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है।