हिंडौन सिटी। करौली जिले के गांव अलीपुरा में बुधवार को एक साथ तीन अर्थियां उठीं। परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। तीनों युवक एक दिन पहले बाइक से परिजनों को बताए बिना भोपुर की गंभीर नदी पर बनाए गए एनीकट में नहाने गए थे। जहां पानी में डूबने से तीनों की मौत हो गई। रात तक जब तीनों युवक नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की। करीब 14 घंटे बाद तीनों के शव गोताखोरों ने निकाले।
बुधवार को ढूंढ़ते हुए भोपुर के एनीकट पहुंचे तो वहां बाइक खड़ी हुई मिलने के साथ कपड़े पड़े मिले। जिस पर ग्रामीण गोताखोरों की मदद से पानी में तलाश की तो तीनों के शव मिल गए। मृतकों में दो चचेरे भाई हैं, जिनकी सगाई हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण शादी नहीं हुई थी जबकि तीसरा विवाहित था। तीनों के शव को गांव लाया गया जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ तीन जवान मौतों से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल होने के साथ गांव में शोक छाया हुआ है।
परिजनों को बिना बताए गए थे नहाने
सरपंच पति अमरसिंह नीमरोठ ने बताया कि मंगलवार शाम करीब चार बजे अलीपुरा निवासी बालकेश उर्फं बालकृष्ण गुर्जर (21) पुत्र मुकेश अपने चचेरे भाई केशव (20) पुत्र पप्पू तथा गांव के ही युवक श्यामसिंह गुर्जर (21) पुत्र चन्नो गुर्जर के साथ बाइक से नहाने के लिए अलीपुरा से करीब पांच किमी दूर भोपुर की गंभीर नदी के एनीकट पर गए थे। कुछ दिन पहले ही पांचना बांध से पानी छोडने का कारण इन दिनों गंभीर नदी में पानी की अच्छी आवक है।
एक शादी शुदा था तथा दो की सगाई हो गई थी
नहाने जाने के बारे में उन्होंने अपने घर वालों को नहीं बताया था। जब रात तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश की, लेकिन रात को कुछ पता नहीं चला। जिस पर गांव के ही एक युवक को भी इन लोगों ने नहाने चलने के लिए कहा था तो उसने यह बात परिजनों को बताई। जिस पर परिजन भोपुर के एनीकट पर गए तो वहां बाइक और कपड़े मिल गए। इस दौरान ग्रामीण गोताखोरों की मदद से तीनों के शवों को नदी से निकाला गया। श्यामसिंह गुर्जर की मौत से पत्नी की मांग उजड़ गई जबकि बालकेश व केशव की कुछ माह पूर्व ही सगाई हुई थी। श्यामसिंह गुर्जर के पिता चन्नो गुर्जर तो किसी काम से जालौर में थे, ऐसे में वे अंतिम समय में अपने पुत्र का चेहरा भी नहीं देख पाए।