शिमला
हिमाचल प्रदेश में हुए पीपीई किट खरीद घोटाले की आंच बीजेपी तक पहुंच गई है। राज्य के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल (Rajeev Bindal) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को बिंदल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया है।
घोटाले से जुड़ी अधिकारी की बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जिस वायरल ऑडियो क्लिप के आधार पर स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी हुई है उसमें करोड़ों रुपये के लेनदेन की बात कही जा रही है।
'कुछ लोग बीजेपी पर उंगली उठा रहे, इसलिए दिया इस्तीफा'
राजीव बिन्दल ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा, 'बीते दिनों स्वास्थ्य निदेशक की कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुई जिसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस विभाग इस मामले की जांच कर रहा है, मगर इसी बीच कुछ लोग बीजेपी की ओर भी उंगलियां उठा रहे हैं। मैं बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष हूं और चाहता हूं कि इसकी पूरी और निष्पक्ष जांच हो। इसलिए उच्च नैतिक मूल्यों के आधार पर मैं इस्तीफा दे रहा हूं।'
'घोटाले से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं, हमसे जोड़ना सरासर अन्याय'
बिन्दल ने पत्र में कहा, 'इस प्रकरण का बीजेपी हिमाचल प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। इसे बीजेपी से जोड़ना सरासर अन्याय है और कोरोना महामारी के दौरान बीजेपी द्वारा की गई समाजसेवा का भी अपमान है। याद रहे मैं सिर्फ उच्च नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं।'
पीएमओ तक पहुंची थी पीपीई खरीद घोटाले की बात
हिमाचल प्रदेश में पीपीई खरीद घोटाले का यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया था। एक पत्र के जरिए प्रधानमंत्री को प्रदेश में कोरोना काल में हुए घोटाले की पूरी जानकारी दी गई थी। पत्र में लिखा गया कि कोरोना वायरस आमजन के लिए आपदा है, लेकिन कुछ लोगों के लिए भ्रष्टाचार की फसल काटने का समय है। मुख्यमंत्री ईमानदारी से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में हुए इस मामले की शिकायत आखिर किसने पीएमओ तक पहुंचाई, यह चर्चा का विषय है।
9 करोड़ का था सप्लाई ऑर्डर, 5 लाख की मिलनी थी दलाली
कोरोना संकट के बीच स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता के निर्देशन में परचेजिंग कमिटी ने 9 करोड़ के सप्लाई ऑर्डर दिए थे। इसमें मोहाली की एक ही फर्म को पांच हजार पीपीई किट का ऑर्डर दिया गया था। हालांकि देशभर की 40 कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। खास है कि ऑडियो में पांच लाख की दलाली भी इन्हीं पीपीई किट की डील के लिए की जा रही थी। दरअसल कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार ने निदेशालय और जिला स्तर पर खरीद की छूट दे रखी थी। विजिलेंस का कहना है कि हेल्थ डिपार्टमेंट में हुई इस दलाली के तार जिला स्तर तक जुड़े हैं।