कोरोना लॉकडाउन और आर्थिक मंदी का असर, 40 साल में पहली बार कम हुआ जहरीली सीओ2 का उत्सर्जन


नई दिल्ली
कोरोना वायरस की रोकथाम को देशभर में लॉकडाउन लगाया गया। इस लॉकडाउन में सभी ने कई तरह की परेशानियां झेली हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो अच्छी हुई हैं। अब जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को ही देख लीजिए, पिछले 40 सालों में पहली बार यह कम हुआ है। इसके लिए लॉकडाउन के साथ-साथ आर्थिक मंदी भी जिम्मेदार है। इसकी वजह आर्थिक गतिविधियों पर लगी पाबंदियां हैं। यह बात सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐंड क्लीन एयर (CREA) ने बताई है। यह अध्यन लौरी मायलाइवर्ता और सुनील दहिया ने मिलकर किया है।

अध्यन के मुताबिक, सीओ2 का उत्सर्जन देश में मार्च के महीने में 15 प्रतिशत तक कम हो गया। पिछले महीने में इसके 30 प्रतिशत तक गिरने का अंदाजा गया गया है। वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 में सीओ2 का उत्सर्जन 1.4 प्रतिशत तक गिरा। ऐसा 1982 के बाद पहली बार हुआ है। इस अध्यन में अलग-अलग मंत्रालयों से मिले डेटा को इस्तेमाल किया गया है। 
पाया गया कि कोयले से ऊर्जा बनाने का काम मार्च में 15 प्रतिशत और अप्रैल के पहले तीन हफ्तों में 31 प्रतिशत तक कम हुआ। इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन मार्च में 6.4 प्रतिशत बढ़ गया था। फिर अप्रैल के पहले तीन हफ्तों में इसमें 1.4 फीसदी की गिरावट देखी गई।


जीवाश्म-ईंधन का इस्तेमाल घटने से कम हुआ उत्सर्जन
शोधकर्ताओं के मुताबिक, देश में ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र की वजह से सबसे ज्यादा सीओ2 पलूशन होता है। दहिया के मुताबिक, जब जीवाश्म-ईंधनों का इस्तेमाल ही नहीं होगा तो सीओ2 का उत्सर्जन कम होना ही था। बात सिर्फ कोयले की नहीं है। देश में तेल की खपत भी कम हुई है। मार्च महीने में ही तेल की खपत 18 प्रतिशत तक कम हो गी थी।