कोरोना लॉकडाउन बीच राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, बिना पास राज्यभर में लोग कर सकते हैं आवाजाही

 




जयपुर


राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन 3.0 खत्म होने से एक सप्ताह पहले ही लोगों को बड़ी राहत दी है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के भीतर लोगों को आवाजाही की छूट दे दी है। इसके लिए उन्हें पास की आवश्यकता नहीं होगी और सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच यात्रा की जा सकती है। हालांकि, कंटेनमेंट इलाके के लोग ऐसा नहीं कर पाएंगे। राज्य के एक जिले से दूसरे जिले में इस तरह आवाजाही की छूट देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। 


विधायकों और सांसदों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ''कर्फ्यू वाले इलाकों को छोड़कर जिले के भीतर और एक से दूसरे जिले में आवाजाही के लिए लोगों को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के लिए पास की आवश्यकता नहीं होगी।''


गहलोत ने जिला और अधीनस्थ अधिकारियों को कंटेनमेंट जोन या दूसरे राज्यों में ट्रेन या बस से जाने के लिए पास जारी करने को अधिकृत किया है। इससे पहले राज्य के गृह विभाग को इसका अधिकार था। नए ट्रैवल गाइडलाइंस में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है। गाइडलाइंस में जिला अधिकारियों को उद्योगों के लिए अनुमति देने को कहा गया है।
 
राजस्थान में अधिकतर सांसदों और विधायकों ने प्रवासी श्रमिकों को राज्य में वापस लाने के मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया। जनप्रतिनिधियों ने आसानी से श्रमिकों की घर वापसी के लिए अतिरिक्त ट्रेन और बसों का प्रबंध करने का सुझाव दिया। 


उन्होंने पास प्रक्रिया को आसान बनाने और दूसरे स्थानों से आ रहे लोगों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था का सुझाव दिया। इसके अलावा उनका नाम मनरेगा सूची में शामिल करने को कहा गया।  बैठक में स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौर और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी भी शामिल थे।