कोरोना वायरस से जीतने का एक ही तरीका है, वैक्सीन बनाना। भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में 14 वैक्सीन का प्री-क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक, इनमें से चार वैक्सीन ऐसी हैं जो जल्द क्लिनिकल ट्रायल की स्टेज में जा सकती हैं।
चार से पांच महीनों में 4 वैक्सीन अगली स्टेज में पहुंच जाएंगी।
भारत वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए लगातार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से कोऑर्डिनेट कर रहा है।
मिनिस्ट्री ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी का डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) जरूरी क्लियरेंस और फायनेंशियल सपोर्ट देता है।
वैक्सीन न मिलने तक फॉलो करनी होगी सोशल डिस्टेंसिंग
हषवर्धन बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव के साथ सोशल मीडिया पर बात कर रहे थे, जब उन्होंने वैक्सीन डेवलपमेंट से जुड़ी ये अहम जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्दी से जल्दी वैक्सीन डेवलप की जाए तो भी कम से कम से एक साल लगता है। इसलिए वैक्सीन या इलाज मिलने तक सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के साथ-साथ हैंड और फिजिकल हाइजीन का ध्यान रखना होगा।
कौन-कौन बना रहा है वैक्सीन
NBT
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अमेरिकी कंपनियों के साथ मिलकर तीन तरह की कोविड-19 वैक्सीन डेवलप कर रही है। Zydus Cadila की दो वैक्सीन अभी प्री-क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही है। Bharat Biotech भी शुरुआती टेस्टिंग के फेज में है। कंपनी को उम्मीद है कि वह साल के आखिर तक वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर देगी। Indian Immunologicals Limited ने ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी से टाईअप किया है।
जल्द एडवांस्ड स्टेज में पहुंचेगा ट्रायल
Mynvax बेंगलुरु का एक स्टार्टअप है जो 18 महीने में वैक्सीन तैयार करने का दावा कर रहा है। हैदराबाद की Biological E की वैक्सीन भी प्री-क्लिनिकल ट्रायल में है। एंडवास्ड स्टेज में जाने को तैयार 4 वैक्सीन कौन सी हैं जिनका जिक्र हषवर्धन ने किया, ये तो उन्होंने नहीं बताया मगर उम्मीद जरूर जगा दी है कि भारत जल्द वैक्सीन डेवलप कर लेगा। PM CARES फंड से 100 करोड़ रुपये वैक्सीन बनाने के लिए अलॉट किए गए हैं।
दुनियाभर में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर चल रहा काम
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया इसी कोशिश में है कि कोविड-19 की वैक्सीन बन जाए। 100 से भी ज्यादा वैक्सीन हैं जिनपर फिलहाल रिसर्चर्स काम कर रहे हैं। सबसे WHO कोऑर्डिनेट करता है।
बाकी देशों से भी उम्मीद, जल्द मिले वैक्सीन
ब्रिटेन में वैक्सीन का ट्रायल सेकेंड फेज में हैं। वहां इंसानों पर टेस्ट किए जा रहे हैं। चीन ने 108 वालंटियर्स पर टेस्ट किया था जो पूरा हो गया है। कुछ दवाओं के असर पर भी नजर रखी जा रही है। जैसे रेमडेसिवीर और फेविपिराविर।
थाइलैंड का दावा, 6 से 7 महीने में बना लेंगे वैक्सीन!
थाइलैंड में कोरोना वायरस की वैक्सीन ट्रायल अगले स्टेज में पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां चूहों पर सफल टेस्ट के बाद बंदरों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है। थाइलैंड ने कहा है कि छह से सात महीने में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो सकती है।
भारत में कोरोना के 1.39 लाख केसेज
देश में कोरोना वायरस के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं। राहत की बात ये हैं कि भारत का रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है। महाराष्ट्र की हालत बेहद चिंताजनक है जहां 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
DBT को मिली है अहम जिम्मेदारी
घरेलू कंपनियों के लिए रेगुलेटरी क्लियरेंस देने और गाइडलाइंस तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। भारत वैक्सीन का सॉलिडैरिटी ट्रायल शुरू करने के लिए WHO के टच में है। कोरोना की वैक्सीन, दवा और डायग्नोस्टिक्स को परखने का जिम्मा DBT को सौंपा गया है। DBT ने 500 प्रस्तावों की समीक्षा के बाद कई कंपनियों को फंडिंग दी है।
वैक्सीन डेवलपमेंट नोटिफिकेशन जल्द
DBT ने कोएलिशन फॉर वैक्सीन प्रीपैयर्डनेस इनोवेशंस (CEPI) और अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) से हाथ मिलाया है। रिसर्च वर्क में तेजी के लिए DBT जल्द ही वैक्सीन डेवलपमेंट नोटिफिकेशन जारी करेगा।