लॉकडाउन में मिला मैरिज सर्टिफिकेट -कलेक्ट्रेट में 11 रुपए की फीस देकर क्रिश्चियन कपल की हुई शादी


कोटा.। शहर के एक क्रिश्चियन दंपती की चर्च के पादरी द्वारा जारी मैरिज सर्टिफिकेट मान्य नहीं होने पर जिला प्रशासन द्वारा महज 11 रुपए की फीस पर कलेक्ट्रेट में बुधवार को शादी हुई। डॉ. अनुज विलियमस ने बताया की उसकी मैरिज गत 22 फरवरी को हो चुकी है, लेकिन मेरिज सर्टिफिकेट बनाने में परेशानी आ रही थी। ऐसे में नियमानुसार उन्होंने मैरिज की दोबारा प्रोसेसिंग की। उन्हें 70 दिन में यह प्रोसेस पूरी करनी थी। लॉकडाउन की गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए एडीएम (प्रशासन) नरेंद्र गुप्ता ने मैरिज की शपथ के साथ उन्हें वैवाहिक दंपती का सर्टिफिकेट प्रदान किया।


अनुज ने बताया कि लॉकडाउन में क्रिश्चियन समाज की यह पहली मैरिज है। इसमें महज 11 रुपए खर्च हुए। एडीएम प्रशासन गुप्ता ने चैंबर में दंपती अनुज विलियम्स और आराधना का विवाह संपन्न करवाया और मौके पर ही मैरिज का प्रमाण पत्र सौंपा। 


अनुज विलियमस ने बताया कि निगम में उनके समाज के विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र बनने पर रोक लगी है। अतः जब इस बारे में मालूम किया तो पता चला कि इसका सिर्फ रजिस्टर्ड शादी ही समाधान है, जो कानूनी तौर पर होती है, तब मैंने कलेक्ट्रेट में आवेदन किया। उन्होंने बताया कि बुधवार को उनकी दूसरी बार शादी हुई है। इससे पहले वह चर्च में शादी कर चुके हैं।


इसलिए आ रही थी मैरिज सर्टिफिकेट लेने में अड़चन
नगर निगम में ईसाई समाज के विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं बनते। सरकार ने गाइडलाइन जारी कर रखी है, जिसके अंतर्गत नगर निगम में ईसाई समाज के विवाह प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा सकते। मजबूरन ईसाई समाज के शादीशुदा लोगों को जिला मजिस्ट्रेट के यहां रजिस्टर्ड शादी स्पेशल मेर्रिज एक्ट 1954 सेक्शन 16 के अंतर्गत करनी पड़ती है।