लॉकडाउन यादव को अखिलेश ने दी शुभकामना, बोले- नोटबंदी वाले 'खजांची' अब अकेले नहीं


लखनऊ
लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उदयभान सिंह अपनी पत्नी रीना के साथ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से उत्तर प्रदेश आ रहे थे। ट्रेन जब मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में थी, तभी सिंह की गर्भवती पत्नी रीना को लेबर पेन हुआ। उदयभान ने हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रेलवे के कर्मचारियों से मदद मांगी। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों की मदद से रीना को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां रीना ने एक बच्चे को जन्म दिया।

ऐसी असामान्य परिस्थिति में नवजात का जन्म हुआ था तो नाम भी कुछ असाधारण ही रखना था। अस्पतालकर्मियों की सलाह पर माता-पिता ने तय किया कि वे बच्चे को 'लॉकडाउन' नाम से पुकारेंगे। इस तरह कोरोना काल में लॉकडाउन के बीच लॉकडाउन यादव का स्वागत हुआ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लॉकडाउन यादव को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस बहाने केंद्र और प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी पर निशाना साधने की भी कोशिश की है।


'खजांची अब अकेला महसूस नहीं करेगा'
अखिलेश ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कोरोनाबंदी के दौर में ट्रेन में जन्मे ‘लॉकडाउन यादव’ के उज्ज्वल भविष्य की कामना। आशा है, नोटबंदी के समय लाइन में जन्म लेने पर मजबूर ‘खजांची’ अब अकेला महसूस नहीं करेगा।' उन्होंने आगे कहा कि अब बीजेपी सरकार यह सुनिश्चित करे कि इन बच्चों की आगामी यात्रा, इनके जन्म जैसी कटु परिस्थितियों से बहुत बेहतर हो।



अस्पतालकर्मियों ने रखा नाम
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर निवासी यादव परिवार विशेष ट्रेन से मुंबई से निकले थे। पत्नी रीता यादव गर्भवती थीं। बीच रास्ते अचानक प्रसव पूर्व पीड़ा होने पर उन्होंने रेलवे के जवानों से मदद मांगी। रेलवे ने जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी। यादव परिवार बुरहानपुर स्टेशन पर ट्रेन से उतर गया। रीता दर्द से कराह रही थीं, लेकिन इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उनकी ऐसा मदद की कि यादव परिवार को कभी लगा ही नहीं कि वे अपने घर से दूर हैं।


बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देशन में प्रसूता को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में रीता ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रदेश में जन्मे इस नए मेहमान को अस्पतालकर्मियों ने लॉकडाउन यादव नाम दिया और परिवार भी इसके लिए खुशी-खुशी राजी हो गया।