पश्चिमी राजस्थान- टिडि्डयों का जून-जुलाई में हो सकता है सबसे भीषण हमला, पाकिस्तान के 38% हिस्से में दे चुकी हैं अंडे


जोधपुर. कोरोना से जूझ रहे राजस्थान के लोगों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बार जून-जुलाई में सीमा पार से टिडि्डयों का भीषण हमला होने के हालात बन रहे हैं। पाकिस्तान के एक तिहाई से अधिक हिस्से में टिडि्डयां अंडे दे चुकी हैं। अगले माह के अंत तक पूर्वी अफ्रीका से करोड़ों टिडि्डयों के समूह भारत की तरफ आएंगे। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने भी इस बारे में चेतावनी जारी की है।


राजस्थान के किसानों ने पिछले वर्ष टिडि्डयों के कारण भारी नुकसान झेला था, लेकिन उन्होंने सरकारी और खुद के संसाधनों को साथ मिलाकर इसका मुकाबला किया और इससे निजात पा ली, लेकिन विशेषज्ञ इस बार बहुत व्यापक पैमाने पर टिड्‌डी हमले की आशंका जता रहे हैं। टिडि्डयों के छोटे समूहों के हमले एक माह से चल रहे हैं और यहां चलने वाली आंधियों के कारण ये यहां से काफी आगे तक पहुंच चुकी हैं। 


पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
पाकिस्तान सरकार पिछले साल टिड्‌डी रोकने में नाकाम रही थी। वर्तमान में वहां टिड्‌डी को लेकर आपात हालात बने हुए हैं। कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार से इसका प्रभावी नियंत्रण करने की व्यवस्था करने को लेकर आदेश देने की मांग की है। टिड्‌डी मसले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।


इस याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तान के 38 फीसदी हिस्से पर इन दिनों टिडि्डयां अंडे दे रही हैं या दे चुकी हैं। इनमें से बलूचिस्तान का 60, सिंध का 25 और पंजाब का 15 फीसदी हिस्सा शामिल है। अंडों से फाका (टिड्‌डी) निकलते ही उसे नष्ट करना आसान रहता है, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने भी कहा है कि टिडि्डयों की प्रभावी रोकथाम नहीं होने के कारण पाकिस्तान को इस बार भीषण खाद्यान संकट का सामना करना पड़ सकता है।


 
पूर्वी अफ्रीका से आएगी टिडि्डयां
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने आगाह किया कि टिड्डियों का दल अगले महीने पूर्वी अफ्रीका से भारत और पाकिस्तान की ओर बढ़ सकते हैं। हम दशकों में अब तक के सबसे खराब मरुस्थलीय टिड्डी हमले की स्थिति का सामना कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में टिड्डियों का हमला केन्या, सोमालिया, इथोपिया, दक्षिण ईरान और पाकिस्तान के कई हिस्सों में सबसे अधिक गंभीर है। जून में ये केन्या से इथोपिया के साथ ही सूडान तथा संभवत: पश्चिम अफ्रीका तक फैलेंगी। ये अरब सागर को पार करके भारत तथा पाकिस्तान जाएंगी। 


राजस्थान की तैयारी 


राजस्थान में पिछले साल मई के आखिर में 26 वर्ष के अंतराल से टिडि्डयों का हमला हुआ था। यह हमला फरवरी तक लगातार जारी रहा। 12 जिलों में हजारों हैक्टेयर में करोड़ों रुपए की फसल को टिडि्डयों ने चट कर दिया था। जोधपुर स्थित टिड्‌डी नियंत्रण संगठन के उप निदेशक केएल गुर्जर का कहना है कि पाकिस्तान में अंडे देने वाली टिडि्डयों से तैयार हई नई टिड्‌डी मई-जून में राजस्थान आ सकती है। उन्होंने कहा कि टिडि्डयों को मारने के लिए इन पर ट्रैक्टरों के पीछे स्प्रे मशीन लगा रसायनों का छिड़काव किया जाता है, लेकिन अब टिडि्डयां ट्रैक्टर की आवाज सुन उड़ जाती है। ऐसे में हमारे लिए चुनौतियां बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 करोड़ वाहनों के लिए और 10 करोड़ रसायन खरीदने के लिए उपलब्ध करवाए हैं।