फैक्ट्रियां बंद...तो कहां से आ रहा पान मसाला? 

 


जयपुर
लॉकडाउन में सिगरेट, पान मसाले की बिक्री पर पूरी तरह बैन है। फैक्ट्रियां भी बंद चल रही हैं, लेकिन चोरी-छुपे इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। जानकारों के मुताबिक, लॉकडाउन के वक्त ज्यादातर कारोबारियों के बाद इनका 15 दिन का ही स्टॉक था, लेकिन 40 दिन बाद भी इनकी बिक्री थमी नहीं है। इस पर सामाजिक संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं और कारोबारियों के पास मौजूद स्टॉक के मॉनिटरिंग की मांग उठाई है।


पान मसाला खाकर लोग इधर उधर थूकते हैं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसी कारण लॉकडाउन में इसकी बिक्री पर रोक लगाई गई है, लेकिन सख्ती न होने से पान मसाला और सिगरेट की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। पुलिस ने पिछले 40 दिन में ऐसे सिर्फ 25 मामले पकड़े हैं।


चोरी-छुपे सिगरेट, पान मसाला बेच रहे कारोबारी स्टॉक कम होने की दलील देकर दोगुना तक दाम वसूल रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक, शहर के हर इलाके में पान मसाले की बिक्री हो रही है। इस कारोबार से जयपुर के एक व्यापारी शिवकुमार ने बताया कि होलसेल में 5 रुपये कीमत वाले पान मसाले के पैकेट के लिए दस रुपये लिए जा रहे हैं। ऐसे में दुकानदार 5 रुपये का पान मसाला 20 रुपये में बेच रहे हैं।


फैक्ट्रियों पर भी सवाल
कारोबारियों के मुताबिक, अमूमन होल सेलर 15 दिन का ही स्टॉक रखते हैं। लॉकडाउन लागू हुए 40 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन सिगरेट, पान मसाले की बिक्री नहीं थमी है। इससे फैक्ट्रियों में भी चोरी-छुपे काम होने की आशंका जताई जा रही है।


रेकॉर्ड रखने की मांग
सामाजिक कार्यकर्त्ता धर्मेंद्र सिंह राठौर  का कहना है कि चोरी-छुपे बिक्री रोकने के लिए सभी होल सेलर और कंपनियों के गोदाम के स्टॉक का रेकॉर्ड रखा जाना चाहिए। हर हफ्ते इसकी मॉनिटिरिंग भी होनी चाहिए।


फैक्ट
-5 करोड़ रुपये का सिगरेट, पान मसाला बिकता है जयपुर में रोज


-150 करोड़ से ज्यादा का होता है कारोबार