झुंझुनूं,राजस्थान हाई कोर्ट ने नगर पालिका पिलानी की ईओ द्वारा एपीओ आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सूचीबद्ध कर, सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
हाईकोर्ट में आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये यह प्रकरण फिर से अत्यावश्यक सुनवाई श्रेणी के तहत सूचीबद्ध हुआ,मामले के अनुसार सरकार ने नगर पालिका पिलानी की ईओ सरिता को कोरोना काल मे ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले,में गंभीर शिकायतों के चलते, 8 अप्रैल 2020 को जयपुर मुख्यालय के लिए एपीओ कर दिया था। इस पर ईओ ने इस एपीओ आदेश को राजनैतिक दुर्भावना के आधार पर एक पूर्व एमएलए श्रवण कुमार के सिफारशी पत्र पर करना बताया। पूर्व में 24 अप्रैल को सूचीबद्ध हुये इस मामले में सुनवाई के दौरान दूसरी ओर के पक्षकार नगर पालिका, पिलानी की ओर से पैरवी करते हुये एडवोकेट संजय महला ने व राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने न्यायालय को कहा कि याचिका आधारहीन व तथ्यों से परे है जिसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाय। इन्होंने एपीओ आदेश को सही बताते हुए कहा कि उसे प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर हटाया गया है। एडवोकेट संजय महला ने कहा कि ईओ ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं जिनकी एसओजी से जांच जरूरी है तथा न्यायालय से प्रसंज्ञान लेने हेतु भी निवेदन किया। मामले में ईओ को राहत नही दी गयी थी व प्रकरण को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के आदेश दिए गए थे। आज यह प्रकरण ईओ की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर फिर से सूचीबद्ध हुआ जिसमें याचिका वापस लेने की मांग की गई।
सुनवाई कर रहे न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने प्रार्थना पत्र के अवलोकन करने व सभी पक्षो को सुनने के बाद ईओ द्वारा प्रस्तुत याचिका खारिज कर दी।