प्रत्यर्पण केस -यूके हाईकोर्ट में माल्या की आखिरी अर्जी खारिज, अब ह्यूमन राइट्स कोर्ट नहीं गया तो 28 दिन में भारत लाया जा सकता है


नई दिल्ली. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को 28 दिन के अंदर प्रत्यर्पण कर भारत लाया जा सकता है। गुरुवार को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उसकी अर्जी को ब्रिटिश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अब माल्या के पास सिर्फ यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) में अपील करने का विकल्प है। अगर वह इसे इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है।


इससे पहले माल्या ने एक बार फिर भारत सरकार से बकाया कर्ज लेने की गुहार लगाई। माल्या ने गुरुवार को ट्वीट किया- सरकार 100% बकाया कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकर करे और मेरे खिलाफ सभी केसों को बंद कर दिया जाए।


कई बार कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दे चुका है माल्या


63 वर्षीय विजय माल्या कई बार भारत सरकार के सामने किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का प्रस्ताव पेश कर चुका है। लॉकडाउन की शुरुआत में भी माल्या ने ट्विट के जरिए भारत सरकार के सामने पूरा कर्ज चुकाने का प्रस्ताव पेश किया था। माल्या ने कहा था कि ना तो बैंक पैसे लेने के लिए तैयार हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी को रिलीज करने के लिए तैयार है। माल्या ने लॉकडाउन के दौरान अपनी कंपनियों के कर्मचारियों का राहत देने के लिए सरकार से मदद की मांग भी की थी।