राजस्थान में 53 फीसदी मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हुए, 1284 हो चुके डिस्चार्ज: चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

 



लॉकडाउन के दौरान मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा दे रही। जयपुर के छह क्षेत्र में लगे शिविरों में 696 रोगियों को मिला उपचार।


जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश में कोरोना के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेचिकित्सकों की मेहनत से राजस्थान कोरोना संक्रमितों की रिकवरी में देश भर में पहले पायदान पर जगह बना पाया है। चिकित्सकों द्वारा बेहतर देखभाल के चलते करीब 52 फीसदी मरीज पॉजीटिव से निगेटिव हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की सतर्कता के साथ स्वयं मरीजों ने भी सकारात्मक रूख रखते हुए इलाज करवाया। चिकित्सकों का भरपूर सहयोग किया।


डॉ रघु शर्मा ने बताया कि गुरुवार 2 बजे तक राज्य में कुल 3400 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 1740 कोरोना संक्रमित मरीज, उपचार दिए जाने के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इन रिकवर हुए लोगों में से 1284 को डिस्चार्ज करने के बाद उनके घर भी भेजा जा चुका है।


प्लाज्मा थैरेपी से कम होगी प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर


डॉ. शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी से दो गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल में ट्रायल बेस पर किया जा चुका है। आईसीएमआर ने प्रदेश के 20 मरीजों के इलाज की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी आने के बाद हम कोरोना से होेने वाली मृत्यु दर को और भी कम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्र के मुकाबले मृत्यु दर महज 2.79 फीसदी ही है। इस थैरेपी के आने के बाद कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा।


जयपुरिया अस्पताल में नहीं होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज


चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जयपुर स्थित जयपुरिया अस्पताल में अब तक जिन कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा था, उन्हें आरयूएसएच अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। यहां अब कोरोना संक्रमितों का इलाज नहीं होगा। उन्होंने बताया कि सोमवार तक अस्पताल को सैनिटाइज करवाकर इसे सामान्य बीमारियों के लिए खोला जा सकेगा।


राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतर निर्णय


डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की सीमाओं को सील करना बेहतरीन निर्णय है। जबकि प्रदेश में संक्रमितों की रिकवरी रेट बढ़ रही है। प्रदेश के कई जिले संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। ऐसे में बाहर से बिना अनुमति के आने वाले लोग प्रदेशवासियों की अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रमिक या अप्रवासी राज्य में आ रहे हैं उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। आने वाले लोगों को 14 दिनों के होम या सरकारी क्वारैंटाइन में रखा जा रहा है। ऐसे में बिना जांच के व्यक्ति प्रदेश के लिए संकट की वजह बन सकते हैं।