राजस्थान32 जिलों में कोरोना संक्रमित मिले हैं, इनमें से 12 वे जिले हैं जो ग्रीन से रेड जोन में तब्दील हो गए-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा


जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना को लेकर योजनाबद्ध और माइक्रो लेवल पर काम हो रहा है। राज्य में केसेज बढ़ने के बाद भी कोरोना नियंत्रण में है। सरकार की सर्तकता के चलते ही केंद्र सरकार ने भी जयपुर को कोरोना की रोकथाम में रोल मॉडल माना है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 32 जिलों में कोरोना संक्रमित मिले हैं, इनमें से 12 वे जिले हैं जो ग्रीन से रेड जोन में तब्दील हो गए।


डाॅ. शर्मा ने कहा कि सरकार ने सजगता से आने वालो को संस्थागत और होम क्वारंटीन सुविधाएं दी है। आम वाले भी अनुशासन से 14 दिनों के क्वारंटाइन पीरियड का पालन कर रहे हैं। इसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों कोरोना पीड़ितों को बढ़ा ग्राफ स्थिर हो जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी जून माह तक संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने में सफलता प्राप्त हो सकेगी। 


मंत्री बोले-भले ही प्रदेश में पॉजिटिव केस बढ़ जाएं, लेकिन नियंत्रण करने के प्रयास जारी 


चिकित्सा मंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि जहां हर काम पूरे योजनाबद्ध माइक्रो मैनेजमेंट के साथ हो रहा हो। स्वयं मुख्यमंत्री छोटी-छोटी बातों को लेकर सजग हैं, लगातार अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पल-पल की खबर ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भले ही पॉजिटिव केसेज बढ़ जाएं लेकिन इसे नियंत्रण करने के दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जयपुर के रामंगज क्षेत्र में एक साथ कोरोना संक्रमितों के आने से स्थिति भयावह हो गई थी। लेकिन सरकार ने क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर क्लक्टर्स में बांटकर जिस तरह रैंडम सैंपलिंग कर लोगों की श्रेणीवार पहचान की।


प्रत्येक जिले में विकसित होगी जांच सुविधा


डॉ. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर केवल 2.2 प्रतिशत है। यही नहीं प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसेज के दोगुने होने की रफ्तार भी 18 दिन ही है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के नेगेटिव होने का रेशो भी कई राज्यों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवासियों के आने के बाद पॉजिटिव केसेज में बढ़ोतरी देखी गई है। मई माह के बाद पॉजिटिव में से 64 फीसद बाहर से आने वाले प्रवासी राजस्थानी और कामगार ही रहे।