रेत के धोरों पर साकार हुई मानवीय संवेदनाओं की फूलवारियाँ-कोरोना की जंग जीतने की ओर अग्रसर है सरहदी जिला जैसलमेर


जयपुर,


डॉ. दीपक आचार्य


वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में रेत के समन्दर का दिग्दर्शन कराने वाला राजस्थान का सरहदी जिला जैसलमेर एक तरफ जहाँ कोरोना से मुकाबले की जंग जीतने की ओर अग्रसर है वहीं परिवेशीय विषमताओं के इस कठिन दौर में आहत व जरूरतमन्दों को राहत देने के लिए टीम भावना के साथ कार्य किया जा रहा है।


प्रदेश व देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासियों से लेकर जिले के निराश्रितों और जरूरतमन्द लोगों की रोजमर्रा की जिन्दगी को आसान बनाने की दिशा में राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर जिला प्रशासन तथा सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं तथा जन प्रतिनिधियों एवं उदार भामाशाहों द्वारा जिस तरह समन्वित और समर्पित प्रयासों के साथ काम किया जा रहा है उसने मानवीय संवेदनाओं को मूर्त रूप देते हुए हर आहत को राहत के साथ ही आत्मीयता और यादगार दिली सुकून का अहसास कराया है। 


जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के ऎहतियाती उपायों को आरंभ से ही युद्धस्तर पर अपनाए जाने का ही परिणाम रहा है कि अब तक जिले में स्थिति नियंत्रण में है। जिले के पोकरण शहर के कुछ हिस्सों व आस-पास के क्षेत्रों को मिलाकर आरंभ से अब तक जांच में कुल 35 जने पोजिटीव पाए गए थे जिनमें से 4 को छोड़कर शेष सभी नेगेटिव हो चुके हैं। जोधपुर के अस्पताल में उपचाररत इन 4 जनों के बारे में भी उम्मीद की जा रही है कि वे भी बहुत जल्द ही नेगेटिव होकर अपने घर लौटेंगे। 


लिए जा रहे हैं सेम्पल
जैसलमेर जिले में आरंभ से अब तक कोरोना जांच के लिए कुल 1 हजार 931 सेंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से 1 हजार 738 की रिपोर्ट प्राप्त  हो चुकी है। इनमें अब तक मात्र 35 ही पोजिटीव निकले हैं जबकि 1 हजार 703  जनों के कोरोना सेंपल जांच में नेगेटिव आए हैं।  जिला कलक्टर श्री नमित मेहता के निर्देशन में टीम जैसलमेर द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम की योजनाबद्ध रणनीति का हर स्तर पर बेहतर और प्रभावोत्पादक क्रियान्वयन किया गया और इसी का नतीजा है कि अब तक जैसलमेर जिले में इसका प्रसार रोका जाना संभव हो सका है।


राहत में आगे ही आगे
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के ऎहतियाती उपायों के अन्तर्गत लॉक डाउन की स्थिति के बीच जिला प्रशासन निराश्रितों और जरूरतमन्दों को रोजमर्रा के भोजन की व्यवस्था मुहैया कराने के काम में युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। ग्रामीण अंचलों में सैकड़ों परिवारों तक सूखा राशन किट वितरित कर राहत का अहसास कराया गया। इनके अलावा शहरी क्षेत्रों जैसलमेर एवं पोकरण शहर तथा रामदेवरा में लॉकडाउन प्रभावित हजारों लोगों को रोजाना गर्म भोजन सुविधा से लाभान्वित किया जा रहा। 


लगभग 35 हजार ने पाया घर वापसी का सुकून
जिला प्रशासन के बेहतर प्रबन्धों और योजनाबद्ध प्रयासों की बदौलत ही कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के कारण जैसलमेर में फंसे हुए लगभग 35 हजार राज्य एवं अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इनमें लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिक राजस्थान राज्य के तथा लगभग 21 हजार अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे।


रिकार्ड प्रवासी जैसलमेर से भेजे गए
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के शेष सभी जिलों से जितने प्रवासी श्रमिकों को अन्यत्र उनके गृह क्षेत्रों में भेजा गया, उनकी कुल संख्या से भी काफी अधिक राज्य एवं अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अकेले जैसलमेर जिले से उनके अपने गृह क्षेत्रों मेंं भेजे गए। इनमें से अधिकतर प्रवासी श्रमिकों को जैसलमेर जिले के विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा संचालित 130 से अधिक आश्रय गृहों में ठहराकर कई दिनों तक इनके आवास, भोजन, पानी आदि सभी प्रकार की माकूल व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई। इनमें राजस्थान राज्य के भीतर लगभग 14 हजार प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश के विभिन्न 15 जिलों में भेजा जा चुका है। इनमें अधिकतर श्री गंगानगर एवं हनुमानगढ़ के मूल प्रवासी श्रमिक थे। 


इसी प्रकार राजस्थान के बाहर के, देश के विभिन्न राज्यों के रहने वाले लगभग 21 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके अपने गृह राज्यों में भेजा जा चुका है। इनमें हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं गुजरात राज्यों के प्रवासी श्रमिक शामिल हैं। जिला प्रशासन की योजनाबद्ध एवं सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली के साथ हर स्तर पर बेहतर प्रबन्धन का ही परिणाम रहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को सहजता और सरलतापूर्वक उनके अपने-अपने गृह क्षेत्रों में पहुंचाया गया। 
 
प्रवासी श्रमिकों ने दिल से कहा -  धन्यवाद जैसलमेर
जिला प्रशासन द्वारा सभी श्रेणियों के प्रवासी श्रमिकों के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं करने के साथ ही इनकी सुरक्षित रवानगी से पूर्व सभी प्रकार के ऎहतियाती उपाय सुनिश्चित किए। इन्हीं का नतीजा रहा कि प्रवासी श्रमिकों ने रवानगी से पूर्व आश्रय गृहों में की गई व्यवस्थाओं तथा घर वापसी के लिए किए गए बेहतर प्रबन्धों की सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री तथा राज्य सरकार के साथ ही जैसलमेर जिला प्रशासन और व्यवस्थाओं में जुटे सभी अधिकारियों, कार्मिकों आदि के प्रति दिली आभार जताया। इसी प्रकार देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे जैसलमेर मूल के बड़ी संख्या में लोग अपने घर पहुंचे जिन्हें होम क्वारेंटाईन में रखा गया।


उप निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क),
जैसलमेर