रियाज नायकू के खात्मे के बाद कश्मीर में हिजबुल का ‘डॉक्टर’ बनेगा नया कमांडर?


श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में हिजबुल कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद इस आतंकवादी संगठन के नए कमांडर के नाम की चर्चा होने लगी है। माना जा रहा है कि डॉक्टर सैफुल्ला उर्फ अबु मुसैद और जुनैद सहराई में से कोई एक उसकी जगह ले सकता है। डॉक्टर सै फुल्ला पुलवाला जिले के मलंगपोरा का रहने वाला है और बुरहान वानी के 12 आतंकियों की टोली का हिस्सा था। सुरक्षाबलों ने कुछ दिन पहले 12 लाख के इनामी आतंकवादी नायकू को उसके गांव में ही ढेर कर दिया था।

डॉ. सैफुल्लाह बन सकता है हिजबुल चीफ
नायकू की मौत से हिजबुल में टॉप की जगह खाली हो गई है। माना जा रहा है कि डॉक्टर सैफुल्ला यानी अबु मुसैद और जुनैद सहराई में से कोई एक उसकी जगह ले सकता है। डॉक्टर सैफुल्ला पुलवाला जिले के मलंगपोरा का रहने वाला है और बुरहान वानी के 12 आतंकियों की टोली का हिस्सा था। दूसरी ओर सहराई हुर्रियत की जिलानी गुट का चीफ है जो 2018 में इस आतंकी संगठन से जुड़ा था। सहराई के हिजबुल का कमांडर बनने की ज्यादा गुंजाइश है क्योंकि उसके पिता अशरफ सेहराई जमीयत-ए-इस्लामी के कट्टर समर्थक हैं और अलगाववादियों से उनके अच्छे रिश्ते हैं।


मेडिकल असिस्टेंट रह चुका है सैफुल्ला
लेकिन खुफिया सूत्रों के मुताबिक मोस्ट वांटेड आंतकवादियों की सूची में शामिल सैफुल्ला घाटी में हिजबुल का नया चेहरा हो सकता है। वह ए++ कैटगरी का आतंकी है। सूत्रों की मानें तो सैफुल्ला मेडिकल असिस्टेंट रह चुका है। उसने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में घायल आतंकियों का इलाज करके नाम कमाया। 
सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी
आईजीपी कुमार ने कहा कि अल कायदा से जुड़े अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) के चीफ बुरहान कोका के बाद नायकू का खात्मा सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि जनवरी के कश्मीर में तीन टॉप आतंकी कमांडर मारे गए हैं जिनमें जैशे मोहम्मद का कारी यासिर, बुरहान कोका और नायकू शामिल हैं। 
सुरक्षाबलों ने हाल में घाटी में चलाए 27 ऑपरेशन
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खात्मे के लिए सुरक्षा बलों ने हाल के दिनों में 27 ऑपरेशन चलाए। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू समेत कुल 64 आतंकवादी मारे गए। जम्मू कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने गुरुवार को यह दावा किया। उन्होंने पुलवामा में कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य पुलिस के साथ तालमेल से ये ऑपरेशन चलाए। इन अभियानों के दौरान कई दुर्दांत आतंकवादियों का खात्मा हुआ और 25 सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़े।