सेना की घुड़सवार टुकड़ी बन जाएगी इतिहास!  दुनिया में यह इकलौती घुड़सवार सेना में बदलाव करेगी भारतीय सेना


नई दिल्ली
भारतीय सेना की 61वीं कैवलरी (61st Cavalry) और उसके घोड़े अबतक आर्मी की शान बढ़ाते आए हैं। दुनिया में यह इकलौती घुड़सवार सेना है। लेकिन अब इसमें बदलाव की बात चल रही है। इसमें घोड़ों को जगह टैंक लगाकर इसे नियमित बख्तरबंद रेजिमेंट बनाने की तैयारी चल रही है। सेना के इस प्लान से आर्मी सर्किल के ही काफी लोग खुश नहीं है। उनका मानना है कि यह एतिहासिक परंपरा को खत्म करने जैसा है।

आर्मी हेडक्वॉर्टर के एक सीनियर अधिकारी ने सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को इस बात की जानकारी दी थी कि वे जयपुर बेस 61 वीं कैवलरी में बदलाव करना चाहते हैं। सेना इसे युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार करना चाहती है। फिलहाल इसका इस्तेमाल सिर्फ कार्यक्रमों में होता है और इसके जवान पोलो जैसे गेम में हिस्सा लेते हैं।


200 घोड़े हैं 61वीं कैवलरी का हिस्सा
अभी करीब 200 घोड़े इस सेना का हिस्सा हैं जो दिल्ली और जयपुर में रहते हैं। इन्हें अभी सेना में ही रखा जाएगा। प्लान है कि सेना में शामिल लोगों को टैंक दे दिए जाएं और सभी घोड़ों को दिल्ली में शिफ्ट करके कुछ सोचा जाए। घोड़ों की जगह इसमें टैंक की तीन स्कॉड्रन हो सकती हैं। प्रत्येक स्कॉड्रन में 14 टैंक होते हैं।


बता दें कि सेना में 61वीं कैवलरी 1953 से मौजूद है। फिलहाल राष्ट्रपति भवन में मौजूद राष्ट्रपति बॉडीगार्ड (PBG) के अलावा 61वीं कैवलरी ही इकलौती घोड़े वाली सेना है। लेकिन अब इनकी जगह टैंक ले सकते हैं।