सेना प्रमुख की पाक को चेतावनी, सीजफायर तोड़ने और आतंक फैलाने पर देंगे करारा जवाब


नई दिल्ली
हंदवाड़ा मुठभेड़ के दो दिन बाद इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान जबतक सीमा पार से आतंकवाद को प्रोत्साहित करने की नीति को नहीं छोड़ता तब तक हम जवाबी कार्रवाई करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर घुसपैठ की बढ़ती कोशिशों से यह पता चल रहा कि पाकिस्तान कोरोना के खिलाफ लड़ाई का इच्छुक नहीं है। बता दें कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए भारतीय सेना के 5 जांबाज शहीद हो गए थे।
वैश्विक जोखिम है पाकिस्तान
जनरल नरवणे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के पता चलता है कि यह एक वैश्विक जोखिम है। पाकिस्तान अभी भी आतंकियों को भारत में दाखिल कराने के अपने सीमित एजेंडे पर ही चल रहा है।


हम जवाबी कार्रवाई करना जारी रखेंगे
उन्होंने यह भी कहा कि जबतक पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति नहीं छोड़ता, हम उचित और सटीक तरीके से उचित जवाब देना जारी रखेंगे। उन्होंने पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय सेना संघर्ष विराम के उल्लंघन और आतंकवाद को समर्थन देने के सभी कार्यों को समुचित जवाब देगी।


हंदवाड़ा में शहीद हुए बहादुर सैन्यकर्मियों पर गर्व
हंदवाड़ा मुठभेड़ में पांच बहादुर सैन्यकर्मियों के शहीद होने पर उन्होंने कहा कि मैं अपनी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बहादुरों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और आभार व्यक्त करना चाहता हूं। सेना प्रमुख ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा ने नेतृत्व किया और यह सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान कम से कम क्षति हो। भारत को उन पांच सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है, जिन्होंने हंदवाड़ा में आतंकवादियों से नागरिकों को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।


किस तरह का दोस्त हत्या कर आतंक फैलाता है
कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंक पर उन्होंने कहा कि पाक कश्मीरियों का दोस्त होने का दावा करता है। हम यह पूछना चाहते हैं कि किस तरह का दोस्त हत्या करता है और आतंक फैलाता है। उन्होंने कहा कि पाक समर्थित आतंकवादी कश्मीर में निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहे हैं ताकि वे उनकी आजादी की प्रोपगेंडा को फैला सके।


जनरल नरवणे ने कहा कि पाक ने भारत के अंदर ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान में भी आतंक फैलाने का काम कर रहा हैं। आतंकी निगरानी सूची से कट्टर आतंकवादियों के नाम हटाने से यह साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को राज्य की नीति के एक साधन के रूप में प्रयोग करता है।