सोनिया ने बुलाई विपक्ष की बैठक, पर कांग्रेस की पिछलग्‍गू नहीं बनना चाहती एसपी-बीएसपी!


लखनऊ
देश में कोरोना संकट के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से विपक्ष की एक बैठक बुलाई गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP)ने विपक्ष की इस बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। इसे जहां एक ओर विपक्ष में फूट के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जह भी माना जा रहा है कि एसपी-बीएसपी कांग्रेस की पिछलग्गू बनकर नहीं रहना चाहतीं।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कोई खास अस्तित्व नहीं है। उत्तर प्रदेश में दोनों ही पार्टियां अपनी खोई ताकत को हासिल करने में जुटी हैं। ऐसे में अगर वे राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के नेतृत्व में कोई फैसला लेती हुई दिखाई देती हैं तो इससे उन्हें सूबे में नुकसान हो सकता है।


प्रियंका से एसपी को लग रहा डर?
समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में एसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके काफी नुकसान झेला है। इसके अलावा प्रियंका भी अब प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं, ऐसे में अगर एसपी कांग्रेस के साथ दिखाई देगी तो उससे प्रिंयका को यूपी में मजबूती मिलेगी। कांग्रेस के 'प्रियंका मॉडल' को फेल करने के लिए भी एसपी ने कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाली बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है।


दलित ऐंगल है बड़ी वजह!
वहीं बीएसपी की बात करें तो मायावती कई बार यह कह चुकी हैं कि वह मोदी सरकार के खिलाफ किसी के भी साथ जा सकती हैं, इसी के चलते उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव में सालों पुरानी दुश्मनी भुलाकर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तो कर लिया लेकिन यह दोस्ती लंबे समय तक नहीं टिकी। वहीं भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर के राजनीति में आ जाने से बीएसपी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ऐसे में अगर एक बार फिर बीएसपी अन्य दलों के साथ खड़ी हो जाती है तो उसके 'दलित कार्ड' पर सवाल उठने लगेंगे। बीएसपी चाहती है कि वह अपनी पुरानी 'प्रो दलित' विचारधारा के साथ ही लड़ाई लड़े। और यूपी के दलित समाज को मैसेज दे कि बस वही है जो बिना किसी का साथ लिए दलितों के साथ खड़ी है।


विपक्ष में पड़ी फूट!
आपको बता दें कि सूत्रों ने दावा किया था कि इस बैठक में देश के 28 गैर एनडीए दल हिस्सा लेंगे। लेकिन SP और BSP के इस बैठक से दूर रहने के फैसले को विपक्ष में फूट के तौर पर देखा जा रहा है। मायावती कई मौकों पर विपक्ष की ऐसी बैठकों में अपनी प्रतिनिधि भेजती रही हैं लेकिन इसबार उन्होंने बैठक में भाग लेने से ही इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक के लिए SP और BSP दोनों को न्योता भेजा गया था लेकिन दोनों दलों ने इस बैठक में शामिल में असमर्थता जताई है।