विशाखापट्टनम गैस लीक: खिड़कियां, दरवाजें... सब बंद, 5 गांवों के 10,000 लोग शिफ्ट


विशाखापट्टनम
विशाखापट्टनम) के गोपालपट्टम स्थित गांवों गुरुवार रात दहशत में गुजरी। इस बीच दोबारा गैस लीक होने की खबर से लोग घबराकर घरों से बाहर निकलने लगे। करीब 5 गांव खाली कराए गए और यहां के 10 हजार से भी अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेजा गया। इससे पहले गुरुवार तड़के एलजी पॉलिमर फैक्ट्री से जहरीली स्टाइरीनगैस के रिसाव के चलते 11 की मौत हो गई। कई बीमार हैं जिनमें से 10 बच्चों समेत 12 की हालत नाजुक है।
इस बीच गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर रहा, 'मीडिया रिपोर्ट्स में दोबारा गैस लीक की खबरें हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह मामूली तकनीकी रिसाव था जो कि लीकेज कंटेनर को काबू में लाने के लिए जरूरी है। अब इसे नियंत्रित किया जा चुका है और न्यूट्रलाइजेशन का काम जारी है।'


केमिकल गैस रिसाव के चलते 5 गांवों के 10 हजार से भी अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है। वेपागुंटा, प्रह्लादपुरम, सिंहाचलम, वेंकटपुरम और गोपालपट्टनम गांवों से लोगों को निकालकर अदविवरम, सिंहाचलम हिल्स और पेंडुरथी, अरिलोवा और सुजातानगर भेजा गया है। इन लोगों को ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर पालिका (जीवीएमसी) की मदद से शिफ्ट किया गया।


पेड़ के नीचे बैठे लोग
घटनास्थल वाली जगह पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं। घरों की खिड़कियां, दरवाजें बंद हैं और दिनभर गलियों में भी कोई हलचल नहीं दिखी। डाक विभाग के कर्मचारी सुनकर रामाकृष्ण अपने परिवार के साथ शहर से चार किमी दूर अदवीवरम जंक्शन के पास बीआरटीएस रोड पर एक पेड़ के नीचे शरण लिए हुए थे। रामकृष्ण की तरह आरआर वेंकटपुरम के सैकड़ों निवासी और आसपास के इलाके के लोग पेड़ के नीचे बैठे रहे।


'सुबह सोकर उठा, तो आ रही थी तेज गंध'
गोपालपट्टनम स्थित एलजी पॉलिमर से रात ढाई बजे जहरीली गैस स्टाइरीन निकलना शुरू हुई थी। श्रीनिवास नगर में पोस्टल कॉलोनी निवासी रामकृष्ण ने कहा, 'जब मैं सुबह 5 बजे सोकर उठा तो मुझे कुछ गलत महसूस हुआ। मुझे तेज गंध आ रही थी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मैंने अपने परिवार को अलर्ट किया तभी मुझे गैस लीक की खबर मिली।' जीवीएमसी कमिश्नर जी श्रीजनना ने बताया कि बुधवार रात ढाई बजे गैस हुई थी जिसमें 11 लोग की मौत हो गई जबकि 300 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।