CM हेमंत सोरेन का केंद्र पर गंभीर आरोप, 'कोरोना काल में राज्यों को भगवान भरोसे छोड़ा'


रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने चार लॉकडाउन के बाद अब देश की जनता और राज्य सरकारों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है, जिसका परिणाम आने वाले समय में ही पता चलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में पांचवें लॉकडाउन अथवा अनलॉक-1 में झारखंड में दी जाने वाली रियायतों के बारे में यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह आरोप लगाये।


हेमंत सोरेन ने दो टूक आरोप लगाया, ‘केन्द्र ने चार लॉकडाउन के बाद अब देश की जनता और राज्य सरकारों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। अब आने वाले समय में ही पता चलेगा कि देश की क्या स्थिति होगी?’ उन्होंने कहा, ‘समय समय पर केन्द्र सरकार तमाम दिशानिर्देश जारी कर रही है। हम केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों पर लगातार नजर रखे हुए हैं।’


सोरेन ने कहा कि आज झारखंड सरकार ने भी तमाम नयी छूट लोगों को अपने व्यवसाय तथा धंधे के लिए दिये हैं लेकिन लॉकडाउन के नियमों के पालन की स्थिति को देखते हुए इन पर पुनर्विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में लगातार कभी 60, कभी 70 कभी 50 नये कोरोना वायरस संक्रमित मिल रहे हैं। अगर कहीं वह बाहर निकल कर घूमने लगे तो क्या होगा?’


उन्होंने स्पष्ट किया कि आज राज्य में जो भी नयी छूट दी गयी है वह समाज के अनेक वर्गों की परेशानियों और तनाव को देखते हुए भी दी गयी है। लेकिन यदि संक्रमण इसी प्रकार बढ़ता रहा तो इन छूटों पर पुनर्विचार भी किया जा सकता है।



अनलॉक 1 में झारखंड में क्या खुलेंगे क्या बंद रहेंगे?
झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देश के आलोक में सोमवार को राज्य में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रानिक्स, सहित अनेक क्षेत्रों को खोलने की मंजूरी दी लेकिन राज्य में धार्मिक स्थल, सैलून, मॉल बंद रहेंगे।


राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर बताया कि उच्चस्तरीय बैठक के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की राज्यस्तरीय कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने अतिरिक्त रियायतों की घोषणा की है।


अधिसूचना में बताया गया है कि आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन पांच के लिए जिन रियायतों की घोषणा तीस मई को की है उसी के मद्देनजर आज राज्य की कार्यकारिणी ने झारखंड में मोबाइल फोन, घड़ियों, उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर्स, बिजली के सामानों आदि के सर्विस सेंटरों, निजी कंपनियों के कॉल सेंटर और शहरी इलाकों में बड़ी मशीनों, जेनरेटरों, आईटी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रिकल सामानों उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स के सामानों, मोबाइल, टीवी, रेफ्रिजरेटर, एयरकंडीशनर, ऑटोमोबाइल, गहने, चश्मे, रसोई के सामानों, फर्नीचर की दुकानों, मोटर वर्कशाप, गैराज, होम डिलिवरी की छूट के साथ रेस्टोरेंट, एवं विभिन्न शहरों के बीच ऑटो रिक्शा, टेंपो, ई-रिक्शा तथा आदमी रिक्शे को चलाने की छूट देने का निर्णय लिया है।


अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि केन्द्र के फैसले के अनुरूप राज्य के निरूद्ध क्षेत्रों में यह छूट नहीं दी जायेंगी। राज्य में अभी भी सैलून, मॉल आदि खोलने की छूट नहीं दी गयी है। राज्य में आज घोषित सारी छूट तीस जून तक लागू होगी। इसके साथ ही स्पष्ट किया गया कि अब से पहले घोषित की जा चुकी रियायतें राज्य में यथावत लागू रहेंगी।


इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘राज्य में फिलहाल बढ़ रहे संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार धीरे धीरे रियायतें दे रही है। राज्य में इसी कारण फिलहाल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा समेत तमाम धार्मिक स्थलों को बिलकुल नहीं खोला जायेगा।’ शिक्षण संस्थानों को खोलने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘फिलहाल इसके बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर बाद में विचार होगा।’