ग्वालियरः उपचुनाव से पहले सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री के ‘चप्पल’ में उलझी कांग्रेस-BJP


ग्वालियर।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर की राजनीति इन दिनों चप्पल में उलझती नजर आ रही है। पीने के पानी की समस्या हल नहीं होने तक चप्पल नहीं पहनने के सिंधिया-समर्थक पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के ऐलान के बाद से पूरी राजनीति इसी के ईर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। कांग्रेस एक ओर इसे तोमर की नौटंकी करार दे रही है तो बीजेपी समर्थक इसे उनके त्याग के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। तोमर के विधानसभा क्षेत्र में यह समस्या 20-25 साल से है। फिर भी, वे इस समय पानी को मुद्दा बना रहे हैं तो इसकी असली वजह उपचुनाव ही है जिसमें उनके बीजेपी उम्मीदवार होने की पूरी संभावना है। कांग्रेस भी इसमें उलझ रही है क्योंकि उसे इसमें तोमर की कमजोरी नजर आ रही है।



सरकार के पूर्व मंत्री एवं सिंधिया-समर्थक नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर के पीने के पानी की समस्या हल नहीं होने तक बिना चप्पल रहने के संकल्प की कांग्रेस पार्टी ने खिल्ली उड़ाई है। कांग्रेस का कहना है कि पूर्व मंत्री को पेयजल समस्या की इतनी ही चिंता है तो चप्पल की जगह जल का त्याग करते। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और ग्वालियर पूर्व विधानसभा से उपचुनाव में टिकट के दावेदार राघवेंद्र शर्मा तोमर के संकल्प को नौटंकी बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्यासी जनता की तकलीफ को महसूस करने के लिए चप्पल त्यागने का क्या औचित्य है? इसके लिए समस्या के समाधान तक जल त्यागना ज्यादा उचित है।


ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर पिछले पांच दिनों से 45-46 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली भीषण गर्मी में जनता के बीच नंगे पांव पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं का पता कर रहे हैं। इसमें उन्हें सबसे ज्यादा शिकायतें पीने के पानी को लेकर ही मिल रही हैं। तोमर इसके बहाने अपने चुनावी प्रचार में लगे हैं। वे अपने समर्थकों से मिल रहे हैं, लेकिन बढ़ती गर्मी में यह समस्या उनके लिए परेशानी बन सकती है। वे अब तक दो बार इस क्षेत्र से विधायक चुने जा चुके हैं। इसलिए वे अपनी ओर से ही इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।


प्रद्युम्न सिंह तोमर की ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के रहवासी पिछले 20-25 सालों से भीषण पेयजल समस्या झेल रहे हैं। इस विधानसभा में अधिकांश बस्तियों में गरीब और मजदूर रहते हैं। यहां नलों में पानी कम दबाव के साथ आता है। साथ ही कई मोहल्लों में पीला, गंदा और बदबूदार पानी आता है। इस मुद्दे को लेकर तोमर पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं।


पिछले बुधवार को आधी रात के समय तोमर अपने क्षेत्र में निरीक्षण पर निकले थे। लोगों ने पीने के पानी की समस्या बताई तो कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर सहित पेयजल विभाग से जुड़े अधिकारियों को मौके पर बुला लिया था। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि मेरे क्षेत्र में पेयजल की समस्या नहीं आनी चाहिए। इसी के साथ पूर्व विधायक ने ऐलान किया कि जब तक हर घर में साफ पानी नहीं पहुंचेगा, वे चप्पल नहीं पहनेंगे।


इधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रद्युम्न सिंह तोमर के समर्थक इसे कांग्रेस की खीझ बता रहे हैं। ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल का कहना है पूर्व मंत्री तोमर जन सेवक हैं। बहरहाल,कभी नाले से कीचड़ निकालकर तो कभी सड़क पर झाड़ू लगाकर सफाई करने वाले तोमर ने उपचुनाव से पहले अपने समर्थकों और विरोधियों को चप्पल में उलझाकर जरूर रख दिया है।