जेसिका लाल मर्डर / दोषी मनु शर्मा 17 साल की सजा काटने के बाद छोड़ा गया; दिल्ली के एलजी का रिव्यू बोर्ड की सिफारिश के बाद फैसला, अच्छे बर्ताव को आधार बनाया


नई दिल्ली. 1999 के जेसिका हत्याकांड मामले मे उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की रिहाई के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (सजा की समीक्षा करने वाला बोर्ड) की सिफारिश पर ये फैसला किया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, तिहाड़ जेल में मनु 17 साल की सजा काट चुका है। उसकी सोमवार को रिहाई हो चुकी है। इसकी वजह जेल में उसका अच्छा बर्ताव बताया गया है।


शराब परोसने से इनकार किया तो गोली मारी
29 अप्रैल 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड रेस्टोरेंट में मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, शराब परोसने से मना करने पर जेसिका लाल की हत्या की गई। आरोप मनु शर्मा पर लगा। मनु शर्मा हरियाणा के कद्दावर नेता विनोद शर्मा का बेटा है। दिसंबर 2006 को दिल्ली हाईकोर्ट ने मनु को उम्रकैद सुनाई थी।


क्यों बाहर आएगा मनु 
रिव्यू कमेटी की पिछले हफ्ते हुई बैठक में जिला जज समेत कुल सात सदस्य शामिल हुए। तिहाड़ जेल, दिल्ली पुलिस और जेसिका के परिजन की ओर से कहा गया था कि मनु को जेल से छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद ही जेल की ओर से नाम रिव्यू कमेटी को भेजा गया था। इन दिनों मनु कोरोना के खतरे के चलते जेल से बाहर है। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि 37 कैदियों के नाम जेल से छोड़ने के लिए कमेटी के सामने रखे गए थे।


14 साल की सजा के बाद रिव्यू
सेंटेंस रिव्यू बोर्ड को उम्रकैद की सजा के मामले में 14 साल की सजा पूरी होने के बाद सजा को रिव्यू करने का अधिकार होता है। कैदियों के नाम रिव्यू बोर्ड को भेजने के पहले दिल्ली पुलिस के अलावा पीड़ित पक्ष और जेल सुपरिटेंडेंट की राय भी लेनी होती है।


जेसिका की बहन सबरीना ने भी दो साल पहले माफ कर दिया था
जेसिका लाल की बहन सबरीना ने दो साल पहले मनु को माफ कर दिया था। अप्रैल 2018 में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सबरीना ने बताया था कि मैंने तिहाड़ के वेलफेयर ऑफिसर को चिट्ठी लिखी। अगर मनु को रिहा किया जाता है तो इससे कोई दिक्कत नहीं है।  


सबरीना ने लिखा था, “मैं 1999 से लड़ रही हूं। मैं और ज्यादा गुस्से में नहीं जीना चाहती। अब मनु शर्मा को रिहा कर दिया जाता है, तो मुझे कोई परेशानी नहीं है। आपको अपने दिमाग को आराम देकर जिंदगी में आगे बढ़ना चाहिए। मुझे बताया गया है कि जेल में मनु ने अच्छा काम किया। साथियों की मदद की। ये दिखाता है कि वे बदल गए हैं।’’