पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल की लापरवाही से 91 यात्रियों की जान जोखिम में-मुंबई से 18 घटे का सफर कर आ गई कोरोना पॉजिटिव महिला, जयपुर स्टेशन पर उतरते ही हुई मौत, डॉक्टर सहित 5 कर्मचारियों को किया क्वारैंटाइन


जयपुर.। राजस्थान में ट्रेन संचालन शुरू होने के बाद गुरुवार को रेलवे की एक बड़ी लापरवाही सामने आई। गुरुवार को मुंबई से आई एक ट्रेन में कोरोना पॉजिटिव महिला यात्री जयपुर पहुंची। स्टेशन पर उतरते ही वह प्लेटफॉर्म पर बेहोश हो गई। महिला को वहां मौजूद चिकित्सा और आरपीएफ कर्मियों ने सीपीआर दिया, लेकिन स्टेशन पर ही उसने दम तोड़ दिया।


दरअसल बुधवार को मुंबई से शाम करीब 6:30 बजे जयपुर के लिए रवाना हुई बॉम्बे सुपरफास्ट के एस-2 कोच में एक 65 साल की बुजुर्ग महिला जयपुर आने के लिए बैठी। गुरुवार दोपहर 12:30 बजे ट्रेन के जयपुर पहुंचने पर महिला प्लेटफॉर्म नंबर एक पर उतरी, वहां उसने कुली को सामान दिया और बाहर निकलने लगी। इतने में उसे दिल का दौरा पड़ा और वह पोर्च में ही बेहोश होकर गिर गई। थोड़ी देर बाद ही रेलवे डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया जहां कोरोना जांच में वह पोसिटिव पाई गई।


रेलवे प्रशासन को इसकी सूचना रात 10 बजे हुई। रेलवे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इस कोच में मुंबई से जयपुर के बीच 91 (छोटी दूरी के यात्री भी शामिल) यात्रियों ने सफर किया था। हालांकि रेलवे ने गुरुवार को इस घटना के तुरंत बाद ट्रेन को सैनिटाइज किया था। जिसके बाद करीब 25 यात्री इस कोच में जयपुर से मुंबई के लिए रवाना हुए थे। वहीं रेलवे ने महिला के संपर्क में आए रेलवे डॉक्टर सहित पांच कर्मचारियों को क्वारैंटाइन करने के निर्देश दे दिए हैं।


रेलवे की व्यवस्थाओं की खुली पोल
गुरुवार को जयपुर में हुई इस घटना ने रेलवे प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर महिला को कोरोना था, तो मुंबई रेलवे स्टेशन पर प्रशासन के क्या जांच की? इसके अलवा गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार फ्लाइट, ट्रेन और बस में यात्रा करने से पहले मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना आवश्यक है, लेकिन जिस महिला की स्टेशन पर मृत्यु हुई उसके पास मोबाइल तक नहीं था। दूसरी तरफ रेलवे अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने के लिए कई स्टेशनों पर मीडिया को प्रवेश नहीं दे रही है। जबकि रेल मंत्रालय के ईडी (आईपी) राजेश दत्त वाजपेयी के अनुसार जोनल रेलवेज को सिर्फ गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।