सीएमआईई रिपोर्ट / भारत की बेरोजगारी दर 31 मई को खत्म सप्ताह में 23.48% पर पहुंची, पिछले महीने की तुलना में कम हुई


नई दिल्ली. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी  की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मई को खत्म हुए सप्ताह में भारत की बेरोजगारी दर 23.48% पर पहुंच गई है। ये अप्रैल में 23.52% से थोड़ी कम है। इससे पहले 24 मई को खत्म हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर 24.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी। यह लॉकडाउन के दौरान के पिछले 8 सप्ताह में दौरान की औसतन 24.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर से भी अधिक थी।


पिछले सप्ताह 38.7% रही श्रम भागीदारी दर
24 मई को खत्म हुए सप्ताह में श्रम भागीदारी दर 38.7 प्रतिशत थी। पूर्ववर्ती सप्ताह में यह 38.8 प्रतिशत से कम थी। श्रमिक भागीदारी दर में यह गिरावट तीन सप्ताह की निरंतर वृद्धि के बाद आती है। जबकि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी दर लगभग 24 प्रतिशत स्थिर रही है। बेरोजगारी दर मार्च में 8.8 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल में 23.5 प्रतिशत हो गई थी।


2020 में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी दर


शहरी और ग्रामीण क्षत्रों में लगातार बेराजगारी दर बढ़ रही है। जनवरी 2020 में शहरी बेरोजगारी दर 9.70 फीसदी थी, जो मई में 16.09 फीसदी बढ़कर 25.79 फीसदी पर पहुंच गई। ठीक इसी तरह, जनवरी 2020 में ग्रामीण बेरोजगारी दर 6.06 फीसदी थी, जो मई में 16.42 फीसदी बढ़कर 22.48 फीसदी पर पहुंच गई।


अप्रैल में घटी थी एलपीआर
दूसरी ओर, श्रम भागीदारी दर मार्च में 41.9 प्रतिशत से 6.3 प्रतिशत घटकर अप्रैल में 35.6 प्रतिशत हो गई। श्रम भागीदारी दर महीने में लगभग सप्ताह-दर-सप्ताह बढ़ रहा है। 17 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान यह 38.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। ऐसा लगता है कि तकनीकी रूप से अप्रैल में श्रम के एक बड़े हिस्सा ने बाजार को छोड़ दिया था, वो वापस लौट रहा है।


सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण की जानकारी के मुताबिक अप्रैल में श्रम बल 68 मिलियन गिरकर 437 मिलियन तक पहुंच गया, जो अप्रैल में 2019-20 में 369 मिलियन हो गया था। इन 68 मिलियन ने सक्रिय रूप से नौकरियों की तलाश बंद कर दी थी। रोचक बात ये है कि उन्होंने नौकरियों में रुचि नहीं दिखाई।


नौकरी पर लौटे 2 करोड़ लोग


सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को आसान करने के बाद मई में लगभग 20 मिलियन (2 करोड़) लोग नौकरी पर वापस लौटे हैं। जिससे भारत की रोजगार दर मई में 2% बढ़कर 29% पर पहुंच गई, जो अप्रैल में 27% थी।सीएमआईई के अनुमान के मुताबिक 25 मार्च शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से देश के 122 मिलियन (करीब 12.20 करोड़) लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। सीएमआईई के अनुसार, मई में सप्ताह के बाद श्रम भागीदारी दर  बढ़ रही है, 17 मई को खत्म हुए सप्ताह में ये 38.8% रही थी।