नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर पिछले कई दिनों से भारी तनाव की स्थिति है। दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और लगातार वहां अपनी तैनाती बढ़ा रही हैं। इस तनातनी के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने थियानमेन स्क्वेयर घटना का याद किया है।
4 जून 1989 को चीन की राजधानी पेइचिंग में सेना ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे निहत्थे छात्रों पर बंदूकों और टैंकों से कार्रवाई की जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए। इसे इतिहास में 'थियानमेन स्क्वेयर नरसंहार' के तौर पर जाना जाता है।
छापी प्रदर्शन का प्रतीक बनी तस्वीर
ऑर्गेनाइजर ने अपने कवर पेज पर उस तस्वीर को छापा है जो चीन के छात्रों के प्रदर्शन का प्रतीक बन गई थी। इसमें एक युवक अकेला टैंकों के आगे खड़ा है। 4 जून 1989 को चीन में लोकतंत्र की मांग को लेकर थियानमेन चौक जाने वाली सड़कों पर एकत्र हुए छात्रों और कार्यकर्ताओं पर चीनी सेना ने भीषण बल प्रयोग किया था और आंदोलन को कुचलने के लिए टैंक तक उतार दिए गए थे। इस सैन्य कार्रवाई में अनेक लोग मारे गए थे। चीनी सेना के इस कृत्य की दुनियाभर में आलोचना हुई थी। हालांकि चीन की सरकार आज भी अपने इस कदम को सही ठहराती है।
चीन फिर दुनिया के निशाने पर
कोरोना के कारण चीन एक बार फिर दुनिया के निशाने पर है। उस पर इस महामारी की जानकारी छिपाने का आरोप लग रहा है। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने कोरोना की उत्पत्ति की जांच की मांग की है। कोरोना की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी और यह दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुका है। इससे दुनिया का ध्यान हटाने के लिए चीन पड़ोसी देशों से लगी सीमाओं पर अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है।