कोरोना संकट में श्रमिकों को संबल-मनरेगा बनी वरदान, जिले में एक लाख से अधिक श्रमिकों का नियोजन


बारां। वैश्विक महामारी कोरोना आपदा के दौर में महात्मा गांधी नरेगा योजना श्रमिकों के वरदान साबित हो रही है जिसके चलते आर्थिक रूप प्रभावित लोगों को रोजगार मिला है और जिले में प्रतिदिन लगभग लगभग 2 करोड़ रूपए श्रमिकों को इस योजना के तहत मिल रहे हैं। कोरोना संकट में गरीब को संबल देने वाली महानरेगा योजना के तहत जिले में 1 लाख 9 हजार 444 श्रमिक नियोजित है जिससे जिले में गरीब को काम व आर्थिक स्वावलम्बन मिला है।
जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव ने बताया कि कोरोना संकट से कई लोग आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं जिनकों आर्थिक संबल प्रदान करने की आवश्यकता थी। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बन प्रदान करने के लिए कोरोना संकट के तहत सोशल डिस्टेंस, मास्क लगाने, हाथ धोने व स्वास्थ्य मानकों की पालना के साथ महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार प्रदान कर कई समस्याओं का समाधान कर दिया है इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को भी जोड़ा गया है जिससे उन्हें काम के बदले प्रतिदिन मजदूरी प्राप्त हो रही है।


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